नई दिल्ली: भारत और चीन में सीमा पर जारी तनाव के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने रविवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की।
भारत और चीन के बीच लंबे वक्त से सीमा विवाद चल रहा है। इसे सुलझाने के लिए दोनों देशों की ओर से प्रतिनिधि तय किए गए हैं, भारत की ओर से अजीत डोभाल स्थायी प्रतिनिधि हैं।
सीमा पर चल रहे गतिरोध को सुलझाने के लिए दोनों विशेष प्रतिनिधियों ने रविवार को भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में हाल के घटनाक्रमों पर विचारों का स्पष्टता एवं गहनता के साथ आदान-प्रदान किया।
वे इस बात पर सहमत हुए कि दोनों पक्षों को नेताओं की आम सहमति से मार्गदर्शन लेना चाहिए और भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के प्रयास करने चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी चर्चा की कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को आगे बेहतर बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि दोनों पक्ष मतभेदों को विवादों में न बदलने दें। इसलिए उन्होंने एलएसी के पास सैनिकों को जल्द पूरी तरह से हटाने और शांति की पूर्ण बहाली के लिए भारत-चीन सीमा क्षेत्रों पर आमने-सामने की स्थिति से निपटने पर जोर दिया।
इस संबंध में वे आगे इस बात पर सहमत हुए कि दोनों पक्षों को एलएसी के पास सैनिकों को हटाए जाने की प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा करना चाहिए। दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से सैनिकों को हटाया जाना चाहिए।
बैठक में इस बात पर भी सहमति बनी कि दोनों पक्ष एलएसी का उल्लंघन नहीं करेंगे और कोई भी पक्ष वहां यथास्थिति बदलने के लिए कोई एकपक्षीय कार्रवाई नहीं करेगा। इसके अलावा दोनों पक्षों ने माना कि भविष्य में ऐसी किसी भी घटना से बचने के लिए मिलकर काम करना चाहिए, जो सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति भंग कर सकती है।
बातचीत के दौरान दोनों प्रतिनिधियों ने सैन्य अधिकारियों के बीच तय ढांचे या मैकनिज्म के तहत बातचीत जारी रखने पर भी सहमति जताई।
इसके साथ ही यह भी सहमति हुई कि दोनों विशेष प्रतिनिधि द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में पूर्ण शांति और स्थायी बहाली सुनिश्चित करने के लिए अपनी बातचीत जारी रखेंगे।
उल्लेखनीय है कि बीते शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक लेह का दौरा किया था। मोदी नीमू पोस्ट तक गए, जहां बड़ी संख्या में जवान मौजूद हैं। यहां से ही मोदी ने चीन को संदेश देते हुए कहा था कि विस्तारवाद का वक्त अब समाप्त हो गया है और ये समय विकासवाद का है।
–आईएएनएस
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