नई दिल्ली: कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने मंगलवार को लद्दाख में भारत-चीन टकराव को एक पूर्ण संकट बताया और उम्मीद जताई कि परिपक्व कूटनीति और निर्णायक नेतृत्व भारत की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा में सरकार के कार्यो का मार्गदर्शन करेगा। सोनिया गांधी ने यह टिप्पणी कांग्रेस कार्यकारिणी समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में की, जो मंगलवार को भारत-चीन के बीच टकराव और नेपाल के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए हुई।
सीडब्ल्यूसी की बैठक उन सभी 20 भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद शुरू हुई, जो 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सेना से लड़ते हुए शहीद हुए थे। कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीपसिंह सुरजेवाला ने एक ट्वीट में कहा, “सीडब्ल्यूसी कर्नल बी. संतोष बाबू और हमारे बहादुर जवानों (सैनिकों) को श्रद्धांजलि अर्पित करता है, जिन्होंने अपने जीवन का बलिदान कर दिया। सभी सीडब्ल्यूसी सदस्य उनकी याद में दो मिनट का मौन धारण करते हैं।”
सोनिया गांधी ने सीडब्ल्यूसी सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा, “अब, हमारे पास एलएसी मुद्दे पर चीन के साथ पूर्ण संकट है .. भविष्य में क्या होगा, ये सामने आना बाकी है लेकिन हमें उम्मीद है कि परिपक्व कूटनीति और निर्णायक नेतृत्व हमारी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा में सरकार के कार्यों का मार्गदर्शन करेगा।”
सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि इस समय की जरूरत एक बड़े पैमाने पर वित्तीय प्रोत्साहन है, सीधे गरीबों के हाथ में पैसा देना और एमएसएमई को रक्षा और बढ़ावा देना है।
उन्होंने पिछले 17 दिनों में लगातार ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी का मुद्दा भी उठाया और कहा, कि सरकार ने लगातार 17 दिनों तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि करके घाव पर नमक छिड़का है, यह ऐसे समय में किया है जब कच्चे तेल की दुनियाभर में की कीमतें गिर गई हैं।
सोनिया ने कोरोना संकट को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि प्रधानमंत्री के आश्वासन के बावजूद कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
–आईएएनएस
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