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Hyderabad: Union IT Minister Ravi Shankar Prasad witnesses the signing of an MoU during World Congress on Information Technology (WCIT) India 2018 in Hyderabad on February 19, 2018. (Photo: IANS)

भारत 5 साल में बनेगा 1000 अरब डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था : प्रसाद

हैदराबाद : केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा कि उनका मंत्रालय भारत को अगले पांच साल में 1000 अरब डॉलर वाली डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में कार्यरत है। यहां सोमवार को आरंभ हुए ‘वर्ल्ड कांग्रेस ऑन इन्फोरमेशन टेक्नोलॉजी (डब्ल्यूसीआईटी)’ के इतर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि इसमें 60 लाख से 75 लाख नई नौकरियां पैदा करने की संभावना है।

नई प्रौद्योगिकी से नौकरियां कम हो जाने की आशंका को दूर करते हुए उन्होंने कहा कि नई प्रौद्योगिकी से अगर 10 नौकरियां जाएंगी तो 100 नई नौकरियां पैदा होंगी।

मंत्री ने बताया कि 1980 के दशक में जब भारत में कंप्यूटर आया तो उसका विरोध इस आशंका से हो रहा था कि इससे नौकरियां समाप्त हो जाएंगी लेकिन यह सबसे बड़ा नौकरी पैदा करने वाला साबित हुआ।

प्रसाद का मानना है कि प्रौद्योगिकी में लोगों को सशक्त बनाने और नौकरियां पैदा करने की अनोखी विशेषता होती है। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, ब्लॉकचेन, इंटरनेटर ऑफ थिंग्स और रोबोटिक्स जैसी नई प्रौद्योगिकी से आगे फिर भारत सशक्त बनेगा और नई नौकरियां पैदा होंगी।

इससे पहले, कांग्रेस के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नई प्रौद्योगिकी के समायोजन में समय लगेगा और सरकार, नासकॉम, निजी क्षेत्र व शैक्षणिक समुदाय को यह सुनिश्चित करना होगा कि इसके साझेदारों को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बदलाव लाने में असुविधा न हो।

उन्होंने कहा, “हमें अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि एक बार प्रौद्योगिकी की शक्ति की पहचान हो जाएगी तो सुचारु तरीके से चलेगी। संक्रमण के दौर में सावधानी की जरूरत है।”

उन्होंने कहा कि नई प्रौद्योगिकी से नई चुनौतियां सामने आएंगी और नये अवसर भी पैदा होंगे।

देश में भारी तादाद में मोबाइल फोन, स्मार्टफोन और इंटरनेट के उपयोग व आधार के रूप में पहचान के अनोखे डिजिटल सत्यापन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की डिजिटलीकरण की अनुगुंज दुनियाभर में सुनाई दे रही है और बड़ी तादाद में डिजिटल कंपनियां भारत आ रही हैं।

–आईएएनएस

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