संस्कृति और कॉरपोरेट प्रतिबद्धता के सामंजस्यपूर्ण मिश्रण में केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बृहस्पतिवार को ‘चल मन वृन्दावन’ कॉफी टेबल बुक का अनावरण किया। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा समर्थित इस प्रकाशन का शुभारंभ भाजपा सांसद, प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री और शास्त्रीय नृत्यांगना हेमा मालिनी, इंडियन ऑयल के अध्यक्ष श्रीकांत माधव वैद्य, ‘चल मन वृन्दावन’ के लेखक और संपादक डॉ. अशोक बंसल और पुस्तक के प्रकाशक व बिमटेक के निदेशक डॉ. हरिवंश चतुर्वेदी की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया।
‘चल मन वृन्दावन’ जैसा कि शीर्षक से स्पष्ट है, पाठकों को मथुरा से सिर्फ 12 किमी दूर स्थित विश्व स्तर पर प्रसिद्ध मंदिर-नगर वृन्दावन की समृद्ध विरासत का मनोरम दृश्य दिखाता है। यह आध्यात्मिक शहर वृन्दावन के प्रति एक हार्दिक श्रद्धांजलि है, जो इसके गहरे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक सार को सामने लाता है। यह पुस्तक पाठकों को श्री कृष्ण की कहानियों द्वारा छुए गए पवित्र परिदृश्यों की यात्रा पर ले जाती है और उन दूरदर्शी लोगों का जश्न मनाती है जिन्होंने इन कहानियों को जीवन में लाया। यह महज एक किताब नहीं है, बल्कि उससे भी बहुत कुछ इसमें अधिक है; क्योंकि यह वृन्दावन की आत्मा का अनुभव करने और इसकी शाश्वत विरासत का हिस्सा बनने का निमंत्रण है।
इस अवसर पर हरदीप सिंह पुरी ने कहा, ‘वृंदावन लाखों लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है। यह पुस्तक केवल चंद पन्नों का संग्रह मात्र नहीं है, बल्कि इतिहास, संस्कृति और आध्यात्मिकता की गलियों से होकर गुजरती है। मैं इस तरह की नेक पहल का समर्थन करने के लिए इंडियन ऑयल की सराहना करता हूं।’
वहीं सांसद—अभिनेत्री हेमा मालिनी, जिन्होंने इस तरह की कॉफी टेबल बुक के विचार की कल्पना की थी, ने इस क्षेत्र के साथ अपना संबंध बताते हुए कहा, ‘वृंदावन हमेशा मेरे दिल के करीब रहा है। यह पुस्तक इसके सार को खूबसूरती से दर्शाती है और मुझे यकीन है कि यह कई लोगों को इस पवित्र शहर की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गहराई का पता लगाने के लिए प्रेरित करेगी।’ जबकि इंडियन ऑयल के अध्यक्ष श्रीकांत माधव वैद्य ने परियोजना के साथ इंडियनऑयल के सहयोग पर प्रकाश डालते हुए कहा, ‘इंडियन ऑयल हमेशा हमारी सांस्कृतिक और राष्ट्रीय मूल्यों से जुड़ी पहलों का समर्थन करने में सबसे आगे रहा है। ‘चल मन वृन्दावन’ भारत की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।’
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि ‘यह पुस्तक जहां ब्रज की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का चित्र चित्रित करती है, वहीं यह मथुरा के साथ इंडियन ऑयल के गहरे संबंध का भी वर्णन करती है। हमारी सर्वोपरि रिफाइनरियों में से एक का घर, मथुरा चार दशकों से अधिक समय से उत्कृष्टता के प्रति इंडियन ऑयल की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यहां, मथुरा रिफाइनरी सिर्फ एक औद्योगिक इकाई नहीं है; यह टिकाऊ नवप्रवर्तन का एक आधुनिक मंदिर है। अत्याधुनिक तकनीकों को बढ़ावा देना, हरित ईंधन को बढ़ावा देना और एक संपन्न इको-पार्क को बढ़ावा देना हमारे कुछ मील के पत्थर हैं। दरअसल, मथुरा की राजसी विरासत के साथ-साथ, यह कॉफी टेबल बुक अधिक गतिशील, समृद्ध और पर्यावरण-अनुकूल मथुरा को बढ़ावा देने के लिए इंडियन ऑयल के निरंतर अभियान को भी खूबसूरती से प्रस्तुत करती है।’
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