भोपाल| मध्य प्रदेश विधानसभा में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया। 2 लाख 41 हजार 27 करोड़ के इस बजट में कोई नया कर नहीं लगाया गया है और न ही किसी कर में बढ़ोत्तरी की गई है, बल्कि हर वर्ग के हिस्से में कुछ न कुछ देने का प्रयास जरुर किया गया है। गरीबों के लिए संबल योजना फिर शुरू की जाएगी। विधानसभा सभा में वित्त मंत्री देवड़ा ने बजट पेश करते हुए आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का जिक्र करते हुए कहा कि यह बजट सभी वर्गों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा, चिकित्सा, सड़क, रोजगार, पेयजल आदि पर जोर दिया गया है। इस बजट में आगामी समय का रोडमेप सरकार की ओर से पेश किया गया हैं। यह बजट 2 लाख 41 हजार 275 करोड़ का है।
देवड़ा ने बजट पेश करते हुए कहा कि इस बजट में न तो नया कर लगाया गया है और न ही कर में किसी तरह की बढ़ोत्तरी की जा रही है।
इस बजट में अधोसंरचना विकास के लिए सिंचाई क्षेत्र के लिए 44 हजार 152 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। शिक्षा और उससे जुड़े क्षेत्रों के लिए 40 हजार 958 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी। कृषि से संबंधित प्रावधान 35 हजार 353 करोड़ रुपए, स्वास्थ्य एवं संबंधित क्षेत्रों के लिए 15 हजार 622 करोड़ रुपए, गरीब कल्याण के लिए 11 हजार 950 करोड़ रुपए, बच्चों, विद्यार्थियों और युवाओं के लिए 11 हजार 136 करोड़ रुपए और महिलाओं के लिये 10 हजार 674 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है।
मध्यप्रदेश के बजट में गत वर्ष से 22 प्रतिशत की अधिक राशि है। इस बजट में राजकोषीय घाटा, राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 4.5 प्रतिशत है। राजस्व घाटा राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 0.73 प्रतिशत है। 11 माह में सरकार द्वारा उठाए गए सुधारात्मक कदमों के कारण भारत सरकार से 19 हजार 353 करोड़ रुपए के अतिरिक्त वित्तीय संसाधन मिल रहे हैं।
राज्य के हर ग्राम पंचायत में एक राशन की दुकान खुलेगी और एक तिहाई दुकानें महिलाएं संचालित करेंगी। हर जिले में महिला पुलिस थाना प्रारंभ होगा। बजट में लाड़ली लक्ष्मी के अंतर्गत नौ सौ करोड़ से अधिक के प्रावधान सहित महिलाओं के लिए कुल दस हजार करोड़ से अधिक की राशि का प्रावधान किया गया है।
इस बजट में गरीबों के कल्याण और आमजन के कल्याण के लिए प्रावधान हैं। संबल के अंतर्गत हितग्राही लाभान्वित होंगे। संबल में 600 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना 3200 करोड़ रुपए, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में 602 करोड़ रुपए, सीएम राइज स्कूल के लिए 1500 करोड़ रुपए, अन्नपूर्णा योजना के 400 करोड़ रुपए, जल जीवन मिशन के तहत घर-घर तक नल से जल पहुंचाने के कार्यो के लिए 5762 करोड़ रुपए, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए 3035 करोड़ रुपए, लाड़ली लक्ष्मी योजना के 922 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
इसी तरह अटल कृषि ज्योति योजना के लिए 4592 करोड़ रुपए, नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए 300 करोड़ रुपए, उच्च शिक्षा में सुधार के लिए 400 करोड़ रुपए, प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 2500 करोड़ रुपए, सड़क, पुल निर्माण के लिए 5739 करोड़ रुपए, व्यवसायिक कौशल प्रशिक्षण के लिए 397 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। महिला स्व-सहायता समूहों की सहायता और युवाओं को रोजगार के लिए संचालित कार्यक्रमों के लिए राशि का प्रावधान किया गया है। संभागीय स्तर पर मॉडल आई.टी.आई. और ग्लोबल पार्क के लिए भी धनराशि का प्रावधान है।
राज्य के कृषकों को अल्पकालीन ऋण पर ब्याज अनुदान के लिए 1000 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है। नई मुख्यमंत्री कृषक फसल उपार्जन सहायता योजना प्रारंभ होगी। इसी तरह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत 2220 करोड़ रुपए की राशि बजट में रखी गई है। बजट में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत शहरों के विकास और सौन्दर्यीकरण पर 900 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। मेट्रो रेल सुविधा बढ़ाने के लिए 262 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी। आपदा प्रबंधन और राहत के लिए 1680 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है।
ओंकारेश्वर में विश्व के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट और छह जिलों में नए सोलर पार्क के लिए बजट में प्रावधान है। 65 लाख हेक्टेयर की सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए बजट दिया गया है। पुलिस में चार हजार और शिक्षकों के लिए 24 हजार पदों पर भर्ती की जाएगी। चंबल प्रोग्रेस-वे और नर्मदा एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए बजट का प्रावधान किया गया है।
राज्य में प्रधामनंत्री ग्राम सड़क योजना और मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में छह हजार किलोमीटर से अधिक सड़कों के निर्माण का लक्ष्य तय किया गया है। शहरी क्षेत्रों के लिए भी जल-जीवन मिशन चलेगा। राज्य 13 जिलों में 86 स्थानों पर वन धन केन्द्र का विकास होगा। पन्ना में डायमंड म्यूजियम बनेगा। छतरपुर जिले में धार्मिक तीर्थ स्थल जटाशंकर पर रोप-वे का निर्माण होगा।
भोपाल गैस पीड़ितों के लिए केन्द्रीय पेंशन योजना समाप्त हो जाने के फलस्वरूप मध्यप्रदेश सरकार अपने बजट से पेंशन की व्यवस्था करेगी। प्रदेश में नौ नए मेडिकल कॉलेजों के लिए मंजूरी। छोटे और सीमांत किसानों को वर्ष में 10 हजार रूपए की राशि मिलेगी। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के साथ ही मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ भी प्राप्त होगा।
–आईएएनएस
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