भोपाल | मध्य प्रदेश के लगभग एक लाख से अधिक मजदूर अब भी दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं, और इन मजदूरों को रेल मार्ग से वापस लाने की शुरुआत हो गई है। पहली श्रमिक ट्रेन शनिवार सुबह भोपाल के मिसरोद स्टेशन पहुंची। इस ट्रेन से 347 मजदूर आए हैं। अपर मुख्य सचिव आई़ सी़ पी़ केशरी की तरफ से जारी बयान के अनुसार, वर्तमान में मप्र के 50,000 मजदूर महाराष्ट्र में, 30,000 गुजरात में, 8,000 मजदूर तमिलनाडु में, 5,000 मजदूर कर्नाटक में, 10,000 मजदूर आंध्र प्रदेश में तथा 3,000 मजदूर गोवा में फंसे हुए हैं। इन मजदूरों को रेल मार्ग से वापस लाया जाएगा।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, दूसरे प्रदेशों से जो मजदूर वापस लाए जा रहे हैं, उनका स्वास्थ्य परीक्षण किए जाने के बाद ही उन्हें उनके घर भेजा जा रहा है। शनिवार सुबह महाराष्ट्र के नासिक से भोपाल पहुंची पहली श्रमिक ट्रेन से आए मजदूरों को विशेष बसों से उनके गांव तक भेजा गया है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य सरकार अब तक 40 हजार से अधिक मजदूरों को बसों के माध्यम से वापस लाने में सफल हुई है। ये मजदूर राजस्थान, गुजरात सहित अन्य राज्यों से सड़क मार्ग से वापस लाए गए और अपने घरों को पहुंच चुके हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मजदूरों से कहा है कि वे चिंता न करें, और सरकार उनके साथ है। चौहान ने शुक्रवार को ट्वीट किया था, “महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और गोवा में फंसे अपने श्रमिक भाइयों से कहना चाहता हूं कि आप जरा भी चिंता न करें। संकट की इस घड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मैं और पूरी मध्यप्रदेश सरकार खड़ी है। हम आपको सकुशल घर लाएंगे।”
–आईएएनएस
और भी हैं
डालमिया उद्योग 3000 करोड़, महान एनर्जन लिमिटेड 2500 करोड़, अल्ट्राटेक सीमेंट 3000 करोड़ तथा पतंजलि आयुर्वेद 1000 करोड़ रूपये का करेगा निवेश
इंदौर को मिला सर्वश्रेष्ठ जिले का राष्ट्रीय जल पुरस्कार राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने किया सम्मानित
रीवा एयरपोर्ट से यात्री विमान के साथ मालवाहक विमान भी उड़ेंगे: मुख्यमंत्री डॉ. यादव