भोपाल | मध्यप्रदेश सरकार ने दूसरे प्रदेशों में फंसे राज्य के श्रमिकों को वापस लाएगी और इसके लिए उन्हें रेल का किराया नहीं देना होगा। यह निर्णय राज्य सरकार ने सोमवार को लिया। सरकार ने मजदूरों को वापस लाने के लिए 31 ट्रेन चलाने की योजना बनाई है और इसका प्रस्ताव रेल मंत्रालय को भेजा गया है। राज्य के अपर मुख्य सचिव एवं स्टेट कंट्रोल रूम के प्रभारी आई.सी.पी. केशरी ने सोमवार को स्टेट कॉर्डिनेटर और कलेक्टरों को प्रभार के राज्यों के नोडल अधिकारी एवं रेलवे से समन्वय स्थापित कर सरकार के निर्णय के क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासी श्रमिकों को स्पेशल ट्रेन से प्रदेश लाने में उनके किराये का भुगतान शासन द्वारा किया जाएगा। श्रमिकों से किराया नहीं लिया जाएगा।
राज्य सरकार ने बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों में फंसे मध्यप्रदेश के मजदूरों को वापस लाने के लिए 31 ट्रेनें चलाने की योजना बनाई है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने रविवार को मंत्रालय में हुई कोरोना महामारी के नियंत्रण के लिए चल रहे प्रयासों की समीक्षा की थी। उन्होंने इस मौके पर बताया कि प्रवासी मजदूरों को विभिन्न प्रदेशों से वापस लाने के लिए कुल 31 ट्रेनें चलाने की योजना रेल मंत्रालय को भेजी गई है।
अपर मुख्य सचिव केसरी ने यह भी बताया कि विभिन्न प्रदेशों से मजदूरों को लाने के लिए 22 ट्रेन महाराष्ट्र से, दो गुजरात से, एक दिल्ली से, दो गोवा तथा चार अन्य प्रदेशों से ट्रेन मजदूरों को लेकर मध्यप्रदेश आएंगी।
मुख्यमंत्री चौहान ने इस समीक्षा बैठक में कहा था कि इस प्रकार की सूचना आई है कि नासिक से आने वाले कुछ मजदूरों से वहां किराया लिया गया। इसलिए यह सुिनश्चत किया जाए कि किसी भी मजदूर से किराया न लिया जाए।
–आईएएनएस
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