नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच महानदी जल विवाद के समाधान के लिए न्यायाधिकरण गठित करने को मंजूरी दे दी। एक बयान के अनुसार, “न्यायाधिकरण महानदी बेसिन में पानी की संपूर्ण उपलब्धता, प्रत्येक राज्यों के योगदान, प्रत्येक राज्यों में जल संसाधन के मौजूदा उपयोग, भविष्य के विकास की संभावनाओं के आधार पर दोनों राज्यों में जल बंटवारे पर फैसला करेगा।”
बयान के अनुसार, “न्यायाधिकरण लंबे समय से चले आ रहे विवाद को समाप्त करने में मदद करेगा।”
न्यायाधिकरण में प्रधान न्यायाधीश की ओर से नामित एक अध्यक्ष और दो सदस्य होंगे। इसके साथ ही न्यायाधिकरण में जल संबंधी मामलों के प्रबंधन का अनुभव रखने वाले दो जल संसाधन विशेषज्ञ भी होंगे।
न्यायाधिकरण को तीन वर्ष में अपनी रपट दाखिल करनी है और जरूरत पड़ने पर इसे दो वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है।
–आईएएनएस
और भी हैं
इन्फोसिस ने वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में कमाया 6,806 करोड़ रुपये का मुनाफा
मप्र की शहडोल रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव में आए 32 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव
देश में इनोवेशन बढ़ाने के लिए हो एक लाख करोड़ के एएनआरएफ फंड का इस्तेमाल : पीयूष गोयल