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महारानी लक्ष्मीबाई जयंती – देश के लिए दौड़ी हजारों युवतियां

नई दिल्ली। कनॉट प्लेस का सेंट्रल पार्क आज सुबह ‘खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी, बुंदेले हरबोलों की हमने सुनी कहानी थी’ के नारों से गूंज उठा। हजारों युवतियां और महिलाएं उत्साह, देशभक्ति और उमंग से भरपूर होकर यह नारे लगा रहीं थीं। सभी ‘मणिकर्णिका एक निरंतर दौड़ देश के लिए’ में हिस्सा लेने आईं थीं। महारानी लक्ष्मीबाई की जयंती के अवसर पर इस दौड़ का आयोजन राष्ट्र सेविका समिति के तरुणी विभाग और शरण्या स्वयंसेवी संगठन ने मिलकर किया था।

अखिल भारतीय तरुणी प्रमुख भाग्यश्री साठे ने कहा कि महारानी लक्ष्मीबाई ने जिस तरह से भारत की स्वतंत्रता के लिए जीवन के अंतिम क्षण तक निश्चयपूर्वक अंग्रेजों के खिलाफ निरंतर संघर्ष किया वैसे ही उनकी याद में यह ‘निरंतर दौड़’ की जा रही है। उन्होंने कहा कि शारीरिक क्षमता बढ़ाने के लिए ऐसे आयोजन आवश्यक हैं और साथ ही तरुणियों (टीनएजर्स) में देश-प्रेम का भाव भी जागृत होता है। सुप्रीम कोर्ट में भारत की ए.एस.जी श्रीमती पिंकी आनंद ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि यदि आज की युवा पीढ़ी रानी झांसी की छवि को मन मस्तिष्क में बढ़ाकर आगे बढ़े तो इससे बेहतर कोई लक्ष्य नहीं हो सकता।

एक निरंतर दौड़ देश के लिए का आयोजन विशेष रूप से तरुणियों के लिए किया गया था। 14 वर्ष से अधिक उम्र की युवतियां और महिलाएं इसमें भाग ले सकती थीं। लगभग 5 किलोमीटर की दौड़ में अव्वल आने वाली विजेताओं को पुरस्कार दिए गए। प्रथम विजेताओं को 3100 रुपये और ट्रॉफी, दूसरे स्थान पर आने वालों को 2100 रुपये और ट्रॉफी, तीसरे स्थान पर आने वालों को 1100 रुपये और ट्रॉफी से सम्मानित किया गया। जबकि अनेक प्रतिभागियों को 500 रुपये और ट्रॉफी सांत्वना पुरस्कार के रूप में दिए गये। इस दौड़ में उत्साहवर्धक बात यह थी कि 63 वर्षीय सरोज शर्मा और 53 वर्षीय अंजु डागर को दौड़ में हिस्सा लेने के लिए सम्मानित किया गया।

मणिकर्णिका दौड़ में हिस्सा लेने आईं प्रीति शर्मा बताया कि यह उनके जीवन का बहुत बढ़िया और रोमांचक अनुभव रहा। रास्ते भर लोगों ने प्रतिभागियों को चियरअप किया और भारत माता की जय के नारे लगाए। अन्य अनेक प्रतिभागियों ने भी दौड़ में हिस्सा लेकर अपने को गौरवान्तिव महसूस किया।

समारोह में अनेक जानी-मानी सुप्रसिद्ध महिलाएं अतिथि के रूप में उपस्थित थीं, जिनमें बर्ड ग्रुप की चेयर पर्सन श्रीमती राधा भाटिया, श्रीमती नीलम रूडी, मल्लिका नड्डा, प्रीति गोयल, मोनिका अरोड़ा, ललिता निझावन और राष्ट्र सेविका समिति दिल्ली प्रांत की सभी वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थीं। इनमें सबसे ज्यादा आकर्षण का केन्द्र रहीं 17 वर्षीय शिवांगी पाठक। जानी मानी पर्वतारोही शिवांगी ने 16 वर्ष की आयु में माउंड एवरेस्ट पर चढ़ाई की और उसके बाद दक्षिण अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलीमंजारो और आस्ट्रिया के माउंट एल्बर्न पर भी फतह हासिल कर चुकी हैं। शिवांगी ने बताया कि यहां आकर उन्हें बहुत खुशी हुई और उनकी हम उम्र लड़कियों को प्रोत्साहन भी मिला।

महिलाओं का सबसे बड़ा संगठन राष्ट्र सेविका समिति अपनी सदस्यों के सामने तीन महान महिलाओं जीजाबाईए अहिल्या बाई और महारानी लक्ष्मीबाई का उदाहरण क्रमशः मातृत्व, कृतत्व और नेतृत्व के रूप में रखता है। महारानी लक्ष्मीबाई के जन्मदिन पर प्रतिवर्ष समिति विभिन्न तरह के आयोजन करती है ताकि युवा पीढ़ी महारानी लक्ष्मीबाई के अदम्य साहसए सूझबूझ, देश प्रेम और जुझारूपन की सीख ले सकें।

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