नई दिल्ली | मां का निधन होने पर एक कलेक्टर पांच सौ किलोमीटर दूर अपने घर गया और फिर अंतिम संस्कार कर तुरंत ड्यूटी वाले जिले में वापस लौट आया। कार्य के प्रति यह समर्पण दिखाया है गुजरात के वलसाड जिले के कलेक्टर सीआर खरसाण ने।
2006 बैच के आईएएस अफसर सीआर खरसाण ने आईएएनएस से कहा कि उनका जिला अब तक कोरोना से बचा हुआ है। ऐसे में एक दिन की चूक से अब तक उठाए गए तमाम कदम बेकार साबित हो सकते थे। इसलिए तुरंत लौटना जरूरी था।
वलसाड जिले के कलेक्टर सीआर खरसाण की मां रेवा बेन लॉकडाउन के पहले बनासकांठा जिले के रइया गांव में अपने घर गईं थीं। लॉकडाउन होने के कारण वह वापस बेटे के पास वलसाड नहीं आ सकीं। कलेक्टर की मां का 14 अप्रैल की देर रात ढाई बजे निधन हो गया। कलेक्टर को रात में तीन बजे सूचना मिली। जिसके बाद वह पांच सौ किलोमीटर दूर अपने गांव रवाना हुए। करीब आठ घंटे का सफर पूरा कर वह गांव पहुंचे। फिर शाम चार बजे तक मां का अंतिम संस्कार किया। इसके बाद तुरंत ड्यूटी के लिए वलसाड रवाना हो गए।
पांच सौ किलोमीटर जाने और आने और अंतिम संस्कार करने में सिर्फ एक दिन का समय लगा। अगले ही दिन गुरुवार यानी 16 अप्रैल को सीआर खरसाण ने जिले का कार्यभार संभाल लिया। आईएएस अफसर का कार्य के प्रति यह समर्पण देखकर न केवल मातहत कर्मचारी दंग रह गए, बल्कि शासन में बैठे आला अफसरों को भी हैरानी हुई। आखिरकार गुजरात के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी पंकज कुमार भी तारीफ करने से नहीं चूके। उन्होंने अपने एक ट्वीट में सीआर खरसाण पर गर्व की बात कही।
खरसाण ने पहले से ही तय कर लिया था कि उन्हें अंतिम संस्कार कर तुरंत लौट आना है। इसलिए उन्होंने अपने सभी रिश्तेदारों को मैसेज कर अंतिम संस्कार के दौरान न आने की अपील की थी। लॉकडाउन का हवाला देते हुए रिश्तेदारों से घर में ही रहकर आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की अपील की। उन्होंने कहा कि वह अंतिम संस्कार कर तुरंत वापस चले जाएंगे, इस नाते किसी को लॉकडाउन में आने की जरूरत नहीं है।
खरसाण ने फोन पर आईएएनएस से कहा, गुजरात का वलसाड जिला, मुंबई के पास पड़ता है। मुंबई में कोरोना के ज्यादा मामले आ रहे हैं, ऐसे में मुंबई से सटे स्थान ज्यादा संवेदनशील हैं। लेकिन मेरा वलसाड जिला अब तक कोरोना से बचा हुआ है। मुंबई से नजदीक होने के कारण वलसाड में सख्त निगरानी बहुत जरूरी है। मुझे लगा कि अगर एक दिन की भी ढिलाई हुई तो सीमाओं को सील आदि करने के उठाए गए कदमों का लाभ नहीं होगा। मैं जिले में कोरोना का एक भी केस नही देखना चाहता हूं। यही वजह है कि तुरंत मैं ड्यूटी पर वापस आ गया।
— आईएएनएस
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