नई दिल्ली:संसद का मानसून सत्र स्वतंत्रता दिवस बीत जाने के बाद होगा। 15 अगस्त से 23 सितंबर के बीच मानसून सत्र संचालन की तिथि घोषित होगी। उसी अनुरूप तैयारियां चल रहीं हैं। लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति स्तर से भी पूरी तैयारियों की मॉनिटरिंग की जा रही है। संसद सत्र कैसे संचालित होगा, इसका अंतिम फैसला लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा के सभापति के स्तर से होगा। मानसून सत्र के संचालन के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर(एसओपी) भी जारी होगा। भाजपा के कई सांसदों ने आईएएनएस से हुई बातचीत के दौरान बताया कि 15 अगस्त के बाद ही मानसून सत्र चलने की सूचनाएं आ रहीं है। उससे पहले आयोजन संभव नहीं हैं। नियम है कि दो संसद सत्र के बीच छह महीने का अंतर नहीं हो सकता। कोरोना के कारण बजट सत्र 23 मार्च को खत्म हुआ था। ऐसे में 23 सितंबर से पहले मानसून सत्र का संचालन जरूरी है।
राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के बीच जून से लेकर अब तक कई बैठकें हो चुकी हैं। लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय के अफसर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ संसद सत्र के आयोजन की रूपरेखा बनाने में जुटे हैं। कोरोना के कारण ठप चल रहीं संसदीय समिति की बैठकें भी जुलाई से शुरू हो चुकीं हैं। संसदीय समिति की बैठकों के दौरान सांसदों के बीच छह फिट की दूरी मेंटेन की जा रही है। नियमित तौर पर संसदीय समितियों के बीच बैठकें चल रहीं हैं।
माना जा रहा है कि संसद सत्र के संचालन के दौरान भी दो सांसदों के बीच उचित दूरी मेंटेन की जाएगी। सदन में एंट्री और बैठने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर(एसओपी) भी जारी होगा। बता दें कि अमूमन मानसून सत्र जुलाई के दूसरे या तीसरे सप्ताह में होता आया है। लेकिन इस बार कोरोना के कारण जुलाई में आयोजन संभव नहीं हुआ। ऐसे में अब अगस्त से सितंबर के बीच इसके आयोजन की तैयारियां चल रहीं हैं।
–आईएएनएस
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