मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले मंत्रीगण को संबोधित किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में रामनवमी का त्यौहार, उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया, परंतु असामाजिक तत्वों द्वारा खरगोन और सेंधवा में अशांति फैलाने की कोशिश की गई। राज्य सरकार ने दोनों घटनाओं को बहुत गंभीरता से लिया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अशांति फैलाने वालों के विरुद्ध सख्ती बरती जाएगी, किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा। गुंडों और दंगाइयों के विरुद्ध कारवाई जारी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंत्रि-परिषद के सदस्यों को अवगत कराया कि धार्मिक स्थल पर भगवा ध्वज फहराने के संबंध में जो ट्वीट किया गया है, वह घटना मध्यप्रदेश की नहीं है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में धार्मिक उन्माद फैलाने और प्रदेश को दंगे की आग में झोंकने की साजिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मैं अपने प्रदेश में किसी भी कीमत पर अशांति नहीं होने दूँगा। कोई भी हो, ऐसी गतिविधियाँ बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। प्रदेश में दंगे भड़काने की कोशिश करना अक्षम्य अपराध है। मध्यप्रदेश शांति का टापू है और प्रदेश का यह स्वरूप बनाए रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंत्रि-परिषद के समस्त सदस्यों से कहा कि वे अपने-अपने प्रभार के जिलों में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए परस्पर चर्चा करें। कानून-व्यवस्था चुस्त-दुरूस्त रहे, आने वाले त्यौहार, निर्विघ्न सम्पन्न हों, यह सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि शांति समिति की बैठकें आयोजित की जाएँ, गड़बड़ करने वालों की धरपकड़ हो। यह स्पष्ट निर्देश है कि अपराध करने वालों को माफ नहीं किया जाएगा, जो वैधानिक कार्रवाइयाँ हैं, वह सब की जाएंगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारियाँ देने वालों के विरुद्ध गृह विभाग कार्यवाही कर रहा है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में अपराधियों के विरुद्ध हुई कार्रवाइयों में अब तक 21 हजार एकड़ से अधिक भूमि मुक्त कराई गई है। इस जमीन का उपयोग मूलत: गरीबों को बाँट कर उनके आवास बनाने के लिए किया जाएगा। राज्य सरकार की स्पष्ट मंशा है कि माफियाओं के कब्जे की अवैध भूमि छुड़ाकर गरीबों में बाँटी जाए। जहाँ आवश्यकता होगी वहाँ अस्पताल, स्कूल और आँगनवाड़ी बनाने तथा अन्य शासकीय कार्यों के लिए भी भूमि का उपयोग किया जाएगा।
बैठक में भू-माफिया, गुंडों, आदतन अपराधियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही और हटाये गये अवैध अतिक्रमण से संबंधित प्रस्तुतिकरण दिया गया। प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि अप्रैल 2020 से मार्च 2022 तक राजस्व, नगरीय निकाय और वन विभाग की 15 हजार 397 एकड़ भूमि मुक्त कराई गई, जिसका मूल्य 11 हजार 941 करोड़ रूपए है। इसके साथ ही निजी और अन्य विभागों की 6 हजार 105 एकड़ भूमि को भी मुक्त कराया गया। प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि मार्च 2021 से मार्च 2022 के बीच भू- माफिया के विरूद्ध 4 हजार 495 प्रकरण दर्ज किए गए। इस अवधि में 9 हजार 896 अवैध अतिक्रमण तोड़े गए, 188 व्यक्तियों के विरूद्ध एनएसए में कार्यवाही की गई तथा 498 को जिला बदर किया गया।
मुक्त कराई गई भूमि का उपयोग
मुक्त करवाई गई भूमि में से 1820.13 एकड़ भूमि आवास एवं अन्य प्रयोजन में ली जा रही है, जो इस प्रकार है –
आवास निर्माण के लिये आवंटित रकबा-159.32 एकड़।
आवास निर्माण के लिए आवंटन प्रक्रियाधीन रकबा-75.85 एकड़।
शासकीय विभाग/एजेंसी को अन्य प्रयोजन के लिए आवंटित भूमि-365.47 एकड़।
शासकीय विभाग/एजेंसी को अन्य प्रयोजन के लिए आवंटित प्रक्रियाधीन भूमि-940.56 एकड़।
लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग के पोर्टल पर नीलामी के लिए दर्ज की गई भूमि-29.48 एकड़।
मूल विभाग को सौंपा गया रकबा-257.45 करोड़।
कुल 1828.13 एकड़ भूमि आवास एवं अन्य प्रयोजन के लिए उपयोग में लाई जा रही है।
और भी हैं
एक्सिस माय इंडिया एग्जिट पोल में महाराष्ट्र में महायुति को बहुमत, एमवीए को झटका
मध्य प्रदेश की पहली मेडिसिटी का उज्जैन में भूमि पूजन
भारत बातचीत के जरिए जटिल अंतरराष्ट्रीय मुद्दों को सुलझाने का समर्थक : राजनाथ सिंह