पटना/मुम्बई: सुशांत सिंह राजपूत कथित आत्महत्या मामले की जांच करने मुंबई पहुंचे बिहार के आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को क्वारंटाइन से मुक्त कर दिया गया है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) बीएमसी ने उन्हें मुंबई में जबरन क्वारंटाइन किया था। इसकी जानकारी बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने खुद दी है।
बिहार के पुलिस महानिदेशक पांडेय ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर देते हुए लिखा, “माननीय सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी के बाद बिहार के पुलिस मुख्यालय ने बीएमसी के आयुक्त को दुबारा पत्र लिखकर अपने आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को मुक्त करने के लिए कल अनुरोध किया था जिसे स्वीकार करते हुए विनय को मुक्त किया गया है। वे आज शाम को पटना लौट रहे हैं। बीएमसी को धन्यवाद।”
गुरुवार को पुलिस मुख्यालय ने पत्र लिखा था। इससे पहले पटना रेंज के पुलिस महानिरीक्षक संजय कुमार ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को पत्र लिखकर आईपीएस अधिकारी तिवारी को क्वारंटाइन मुक्त करने को कहा था, लेकिन बीएमसी ने नियम का हवाला देते हुए इनकार कर दिया था।
इसके बाद गुरुवार को बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा पत्र लिखा गया है।
इससे पहले पांडेय ने आईपीएस अधिकारी को क्वारंटाइन करने को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। पांडेय ने तो आईएएनएस के साथ बातीचत में इस क्वारंटाइन को ‘हाउस अरेस्ट’ तक बताया है।
अब इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो के हाथ में चली गई है।
उल्लेखनीय है कि सुशांत का शव 14 जून को मुंबई स्थित उनके फ्लैट से बरामद किया गया था। इसके बाद मुंबई पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी। इस बीच 25 जुलाई को सुशांत के पिता क़े क़े सिंह ने पटना के राजीवनगर थाने में एक मामला दर्ज करवाया, जिसमें सुशांत की दोस्त रिया चक्रवर्ती सहित छह को आरोपी बनाया गया। इस मामले की जांच के लिए पटना पुलिस की चार सदस्यीय टीम मुंबई भेजी गई। इसके बाद आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को भी भेजा गया। चार सदस्यीय टीम गुरुवार को पटना वापस आ गई थी लेकिन आईपीएस अधिकारी मुंबई में क्वारंटाइन थे।
–आईएएनएस
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