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मुगाबे अब नहीं होंगे डब्ल्यूएचओ के सद्भावना दूत

 

हरारे: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अफ्रीका में गैर संक्रामक रोगों (एनसीडी) के सद्भावना दूत (गुडविल एंबेसेडर) के तौर पर जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे की नियुक्ति के फैसले को वापस ले लिया है।

डब्ल्यूएचओ ने शुक्रवार रात बताया कि एनएसडी से निपटने में जिम्बाब्वे सरकार के प्रयासों के मद्देनजर मुगाबे को गुडविल एंबेसेडर के तौर पर सम्मान दिया गया था।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस एढानोम घेब्रेयेसस ने रविवार को जारी बयान में कहा कि उन्होंने इस संबंध में चिंता जताने वालों की बातें सुनीं और उनके द्वारा उठाए गए विभिन्न मुद्दों पर गौर किया।

उन्होंने कहा कि जिम्बाब्वे सरकार के साथ चर्चा के बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि उनकी नियुक्ति को रद्द करना डब्ल्यूएचओ के सर्वोपरि हित में है।

जिम्बाब्वे सरकार का कहना है कि मुगाबे ने डब्ल्यूएचओ के फैसले को स्वीकार कर लिया है।

विदेशी मामलों के मंत्री वाल्टर मजेम्बी ने कहा कि इस फैसले से मुगाबे का काम प्रभावित नहीं होगा। वह एनएसडी के खिलाफ जागरूकता फैलाने का काम जारी रखेंगे।

जेम्बी ने कहा, “हम डब्ल्यूएचओ के फैसले का उतना ही सम्मान करते हैं, जितना हम हमारे राष्ट्रपति को सम्मान देने के उनके शुरुआती फैसले का।”

मजेम्बी ने कहा कि यह फैसला मुगाबे के लिए शर्मिदगी के बजाए डब्ल्यूएचओ के लिए नुकसानदेह है।

मुगाबे और उनकी पत्नी पर राजनीतिक कारणों से साल 2000 की शुरुआत में यूरोपीय संघ (ईयू) और अमेरिका ने प्रतिबंध लगाए थे। हालांकि, सरकार में मुगाबे के कई साझेदारों और पार्टियों को ईयू की प्रतिबंधित सूची से हटा दिया गया है।

–आईएएनएस

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