इंद्र वशिष्ठ
ओलंपिक में दो बार पदक जीत कर दुनिया में नाम कमाने वाले सुशील पहलवान की गिनती अब अपराधियों में हो गई है। सुशील पहलवान की गु़ंडोंं से सांठगांठ की खबर पहले पुलिस के अलावा एक छोटे दायरे तक ही सीमित थी। लेकिन अब एक पहलवान की हत्या में शामिल पाए जाने से उसका असली चेहरा दुनिया के सामने भी उजागर हो गया है। छत्रसाल स्टेडियम में हुए खूनी दंगल ने सुशील को अर्श से फर्श पर चित्त दे मारा है।
अपराध जगत से जुड़ने और अपराध में शामिल होने के लिए सुशील खुद पूरी तरह जिम्मेदार है।लेकिन इसके लिए पुलिस भी पूरी तरह से कसूरवार है पुलिस अगर शुरु से ही सुशील पहलवान की हरकतों पर नजर रखती/ कार्रवाई करती तो वह शायद इतना निरंकुश नहीं हो पाता। पुलिस के निकम्मेपन या मिलीभगत के कारण ही पेशेवर गु़ंडे तो बेखौफ होते ही हैंं। लेकिन सुशील जैसों के मन से भी कानून का डर निकल जाता है।
कल तक पूरी दुनिया में पहचान बनाने वाला अब पुलिस से बचने के लिए मुंह छिपाता भाग रहा है। कल तक गले में पदक पहना कर जिस सुशील की तस्वींरें खींची जाती थी।अब पुलिस उसके हाथ में अपराधी के नाम वाली तख्ती पकड़ा कर फोटो खींचेगी।
ओलंपिक में भारत का नाम रौशन करने के लिए सुशील का नाम सम्मान से लिया जाता था। मुलजिम सुशील अदालत में हाजिर हो अब उसे ऐसे पुकारा जाएगा। अब थाना,जेल और अदालत के चक्कर लगाएगा। अदालत में कठघरे में खड़ा होगा।
ओलंपिक पदक जीतने पर ईनाम के रुप में करोड़ों रुपए, सरकारी नौकरी, शौहरत ,मान सम्मान सब कुछ सुशील को मिला। इसके बावजूद उसका अपराधियों के साथ सांठगांठ कर गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त होना शर्मनाक है।
पुलिस को चार मई को आधी रात के बाद छत्रसाल स्टेडियम में गोलियां चलने की सूचना मिली। घायल पहलवान सागर ( 23) निवासी (माडल टाउन थर्ड एम 2/1), सोनू निवासी एमसीडी कालोनी और अमित कुमार निवासी रोहतक को पीसीआर अस्पताल ले गई। सागर की मौत हो गई। सागर के पिता अशोक दिल्ली पुलिस में हवलदार हैं।
संपत्ति का असली मालिक कौन ?-
पुलिस सूत्रों के अनुसार माडल टाउन तीन स्थित (एम 2/1 ) करोड़ों की संपत्ति पर कब्जा करने के लिए सुशील ने हरियाणा के कुख्यात बदमाश काला जठेड़ी के खास साथी सोनू महाल और पहलवान सागर आदि को वहां रखा हुआ था। सुशील अब उनसे संपत्ति खाली कराना चाहता था। सोनू ने संपत्ति खाली करने से इंकार कर दिया। इस बात को लेकर सुशील का उनसे कुछ दिन पहले भी झगड़ा हुआ था। काला जठेड़ी ने उस समय समझौता करा दिया और सुशील से कह दिया कि संपत्ति बेच कर हिस्सा आपस में हिस्सा कर लेंगे। सागर पहले स्टेडियम में ही रहता था।
चार मई की रात को सुशील अपने चेलों और गु़ंडो के साथ उस संपत्ति पर गया वहां से सोनू ,सागर और अमित आदि को उठा कर स्टेडियम में ले गए। वहां पर इन सबको फावड़े के हत्थे से पीटा गया। इस दौरान गोलियां भी चलाई गई।
सुशील ने जिस संपत्ति को लेकर यह अपराध तक कर दिया उसका असली मालिक कौन है और सुशील ने वह संपत्ति किस तरीके से कब्जाई इसका खुलासा पुलिस को करना चाहिए ।
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