पादुबिद्रे (कर्नाटक): कर्नाटक के 12वीं सदी के समाज सुधारक बासवन्ना का जिक्र करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियां समावेशी नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने किसानों को दरकिनार कर दिया, लेकिन बड़े उद्योगपतियों के कर्ज माफ कर दिए।
राहुल ने तटीय उडिपी जिले में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए कहा, “मोदी बासवन्ना के बारे में बात करते हैं, लेकिन उनकी नीतियां समावेशी नहीं हैं। यदि वह बड़े उद्योगपतियों के 25 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ कर सकते हैं, तो किसानों की मदद क्यों नहीं कर सकते।”
राहुल कर्नाटक के दो दिवसीय दौरे पर हैं, जहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। उन्होंने उपस्थित जनसमूह से कहा कि यद्यपि किसानों को उनके उत्पादों के लिए उचित एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) का वादा किया गया था, लेकिन उसे पूरा नहीं किया गया।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “इसके ठीक विपरीत हमारी राज्य सरकार ने सिंचाई परियोजनाओं पर मोदी सरकार द्वारा पूरे देश के लिए किए गए खर्च से तीन गुना धनराशि खर्च किया है।”
राहुल ने कहा, “हम नफरत नहीं फैलाते, हम बासवन्ना के सिद्धांतों को मानते हैं।”
इसके एक दिन पूर्व सोमवार को कर्नाटक सरकार ने बासवन्ना के अनुयायी लिंगायतों और वीरशैवों को धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा देने पर अपनी सहमति दे दी है।
गांधी ने कहा कि राज्य में उनकी पार्टी की सरकार का मोटो बासवन्ना का वह सिद्धांत है, जिसमें कथनी और करनी में फर्क नहीं किया जाता। उन्होंने कहा कि इसी सिद्धांत के तहत मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने किसानों के कर्ज माफ कर दिया।
राहुल ने कर्नाटक में आईटी क्रांति के लिए राज्य के युवाओं की भी प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि कोई एक व्यक्ति देश को आगे नहीं ले जा सकता, और देश 120 करोड़ भारतीयों की मेहनत के कारण प्रगति कर पाया है।
राहुल ने कहा, “मोदी जहां भी जाते हैं, वह कहते हैं कि पिछले 70 सालों में कुछ नहीं हुआ। वह आपके माता-पिता का, गरीब किसानों का, श्रमिकों का और छोटे कारोबारियों का अपमान कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “एक बात साफ है कि कांग्रेस ने हर किसी को एकजुट किया और देश को आगे बढ़ाया।”
–आईएएनएस
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