पटना| राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख लालू प्रसाद ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए उन्हें ‘झूठा’ करार दिया और कहा कि उन्होंने बिहार के लिए ‘फैकेज’ का वादा किया था ना कि ‘पैकेज’ का। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत पूछे गए एक प्रश्न के जबाव में यह खुलासा हुआ है कि मोदी ने अक्टूबर 2015 के विधानसभा चुनावों के दौरान बिहार को 1.25 लाख करोड़ रुपये का पैकेज देने का वादा किया था, जिसके मिलने का आज भी इंतजार हो रहा है।
बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल-युनाइटेड और कांग्रेस ने इस खुलासे से मिली जानकारी के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाली केंद्र सरकार और राज्य में विपक्षी दल भाजपा पर निशाना साधा।
महागठबंधन के नेताओं का कहना है कि यह एक बड़ा सवाल है कि मोदी और भाजपा पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में भी विधानसभा चुनाओं के दौरान ‘धुंआधार’ वादे कर रहे हैं। इसको वे कितना पूरा करेंगे, इस पर सवालिया निशान है।
मुंबई के आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने दिसंबर 2016 में केंद्रीय वित्त मंत्रालय से मोदी द्वारा विभिन्न राज्यों को दिए गए वित्तीय सहायता या डेवलपमेंट पैकेज के आश्वासन के बारे में जानकारी मांगी थी। उन्होंने यह भी पूछा कि जो आश्वासन दिए गए थे, उनमें से अभी तक कितना पूरा किया गया है।
हालांकि, वित्त मंत्रालय के उप निदेशक आनंद परमार ने इस आरटीआई का सीधा उत्तर देने की बजाए गोलमोल जवाब देकर स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की।
गलगली ने कहा, “18 अगस्त 2015 को प्रधानमंत्री ने बिहार के लिए 1,25,003 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की घोषणा की थी। लेकिन, परमार के संक्षिप्त उत्तर में कहा गया है कि ‘परियोजनाओं/कार्यों को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा’, हालांकि आज तक कोई पैसा जारी नहीं किया गया है।”
गलगली ने कहा, “यह शर्मनाक है कि बिहार को यह आश्वासन किसी और ने नहीं बल्कि देश के प्रधानमंत्री ने दिया था। लेकिन, डेढ़ साल गुजरने के बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।”
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अभी तक इस मामले पर कुछ कहा नहीं है, लेकिन लालू ने अपनी अनोखी शैली में मोदी को यह सलाह दी कि प्रधानमंत्री के शीर्ष संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को इस तरह ‘झूठ नही बोलना चाहिए।’
लालू ने मोदी की तस्वीर के साथ एक ट्वीट साझा किया, “झूठा, एक फैकेज का सरदार, उन्होंने पैकेज की नहीं बल्कि फैकेज की घोषणा की थी। पैकेज..पैकेज-फैकेज।”
एक अन्य ट्वीट में लालू ने कहा, “ये प्रधानमंत्री सत्यमेव जयते का जाप करते हैं, इनको तो झूठ नहीं बोलना चाहिए। इनकी बातों पर यकीन करना खुदकुशी करने के समान है।”
लालू ने यह भी कहा कि मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी को क्योटो बनाने का वादा किया था, लेकिन लगभग तीन साल बाद उनकी कलई खुल गई है और यह साबित हुआ है कि उनके कहे शब्द और वादे केवल ‘झूठ का पुलिंदा’ है।
उन्होंने कहा, “अब प्रधानमंत्री मोदी को लोगों को बताना चाहिए कि वे अपने अधूरे वादों और झूठ का प्रायश्चित कैसे करेंगे; चुल्लू भर पानी में, या फिर गंगा मैया में या फिर समुंदर में।”
जेडीयू के वरिष्ठ नेता और पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि यह हमारी बात को साबित करता है कि मोदी द्वारा घोषित विशेष पैकेज केवल ‘जुमला’ है और कुछ नहीं है।
कुमार ने कहा, “मोदी ने लोगों को मूर्ख बनाने के लिए केवल एक जुमला कहा था।”
एक अन्य वरिष्ठ जदयू नेता, श्याम रजक ने कहा कि आरटीआई के माध्यम से हुए खुलासे ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मोदी विशेष पैकेज की घोषणा केवल वोटों के लिए करते हैं, जैसा कि वे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान कर रहे हैं।
बिहार के शिक्षा मंत्री और राज्य में कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चौधरी का कहना है कि प्रधानमंत्री को लोगों को किए गए वादों का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी ने उस समय बिहार के लिए मोदी के विशेष पैकेज की घोषणा पर संदेह किया था। उन्हें वादा करने की आदत है, न कि उन्हें पूरा करने की।”
राज्य के भाजपा नेता इस मुद्दे पर बात नहीं करना चाहते हैं। उनमें से कुछ ने कहा कि केवल राष्ट्रीय नेता ही इस पर कुछ कहेंगे।
भाजपा नेताओं ने मोदी द्वारा सड़कों के लिए की गई घोषणाओं पर प्रसन्नता जाहिर की और उनकी प्रशंसा की।
गलगली ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश के लिए भी बड़ी घोषणाएं कर रही है, जहां विधानसभा का सातवां और अंतिम चरण का चुनाव बुधवार को हुआ।
गलगली ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा, “सत्ताधारी भाजपा द्वारा 125 करोड़ भारतीय आबादी को इतने सारे ‘जुमले’ दिखाए गए हैं। लेकिन, सरकार के अपने आंकड़े उनके बड़े-बड़े दावों को झुठलाते हैं, इसलिए उन्हें गंभीरता से कैसे लिया जा सकता है।”
–आईएएनएस
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