नई दिल्ली| ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन के 75वें साल के अवसर पर महात्मा गांधी को सराहनापूर्वक याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि गंदगी, गरीबी और भ्रष्टाचार रहित ‘न्यू इंडिया’ (नया भारत) के निर्माण के लिए लोगों के लिए अगले पांच साल निर्णायक साबित हो सकते हैं।
मोदी ने असहयोग आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन को याद करते हुए कहा, “अगस्त के महीने ने भारत में कई ऐतिहासिक आंदोलन देखे हैं।”
उन्होंने कहा, “महात्मा गांधी ने 1942 में जब देखा कि आजादी का आंदोलन चरम पर पहुंच गया है तो उन्होंने ‘करो या मरो’ का नारा दिया था।”
मोदी ने ये बातें रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहीं।
प्रधानंमत्री ने कहा कि 1942 से 1947 के पांच वर्ष का समय निर्णायक रहा, जिसने भारत की आजादी के संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आगामी नौ अगस्त को ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन के 75 साल पूरे हो रहे हैं।
प्रधानंमत्री ने कहा कि 1942 से 1947 के पांच वर्ष का समय निर्णायक रहा, जिसने भारत की आजादी के संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने कहा कि देश को नौ अगस्त को ‘संकल्प’ दिवस के रूप में मनाना चाहिए और व्यक्तिगत रूप से देश के लिए योगदान करने का संकल्प लेना चाहिए। मोदी ने इस अंदोलन को सफल बनाने के लिए सभी सामाजिक संगठन, शिक्षा संस्थानों, सार्वजनिक क्षेत्रों और अन्य से इससे जुड़ने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि हमें साथ ही यह सुनिश्चित करने का भी संकल्प लेना होगा कि गरीबी, गंदगी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद, संप्रदायिकता भारत छोड़कर चले जाएं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर लोग अपने संकल्प पूरे करें तो 2017 से 2022 के पांच साल भी निर्णायक साबित हो सकते हैं।
उन्होंने कहा, “आज, हमें अपने देश के लिए मरने की नहीं, बल्कि जीवित रहने और इसे प्रगति की नई ऊंचाइयों पर ले जाने की जरूरत है।”
–आईएएनएस
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