प्रिंसटन| कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि भारत में रोजगार पैदा करने में नाकाम रहने के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ रहा है। राहुल ने मंगलवार को यहां प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में छात्रों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने 2014 में कांग्रेसनीत सरकार को सत्ता से हटाया था, वही 2019 में लोकसभा चुनाव में भाजपा नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रति अपना गुस्सा जाहिर करेंगे।
भारतीय और अमेरिकी राजनीति में व्यक्ति विशेष का महत्व बढ़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ‘रोजगार’ के सवाल पर मोदी का उदय हुआ और एक हद तक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रभाव बढ़ा।
राहुल गांधी ने कहा, “हमारी आबादी के अधिकांश लोगों के पास नौकरियां नहीं हैं। वे अपना कोई भविष्य नहीं देखते, तकलीफ महसूस करते हैं और इन लोगों ने इस तरह के नेताओं का समर्थन किया। समस्या यह है कि प्रदान की गई नौकरियों के रिकॉर्ड को देखा जाए तो..मैं ट्रंप के बारे में नहीं जानता, मैं उनके बारे में कुछ नहीं कहना चाहूंगा..लेकिन हमारे प्रधानमंत्री निश्चित रूप से इस मामले में अच्छे नहीं हैं।”
उन्होंने कहा कि भारत में हर रोज 30,000 युवा नौकरियों की तलाश में होते हैं, लेकिन सिर्फ 450 नौकरियां पैदा की जाती हैं। ऐसे में ये लोग मोदी से नाराज हैं क्योंकि वह 30,000 नौकरियां प्रदान नहीं कर पा रहे हैं।
उन्होंने माना कि मोदी से पहले कांग्रेसनीत संप्रग सरकार भी रोजगार के मामले में बेहतर काम नहीं कर सकी थी और इसी वजह से 2014 के आम चुनाव में भाजपा को जीत मिली। उन्होंने कहा कि उस वक्त जो लोग हमसे नाराज थे, आज वही मोदी से नाराज हैं। मूल मुद्दा इस समस्या (बेरोजगारी) के समाधान का है।
उन्होंने कहा, “भारत में (मोदी सरकार के प्रति) गुस्सा बढ़ रहा है। हम इसे महसूस कर सकते हैं। इसलिए मेरे लिए चुनौती यह है कि लोकतांत्रिक माहौल में इस समस्या का समाधान कैसे किया जाए।”
राहुल गांधी ने कहा कि सभी को इस समस्या को स्वीकार करते हुए एकमत से इसे हल करने का प्रयास करना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने शक्ति व सत्ता के केंद्रीकरण के खिलाफ भी बोला और कहा कि भारत की वर्तमान राजनीतिक प्रणाली में कुछ लोग हद से ज्यादा नियंत्रण करने और वर्चस्व दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्रीकृत राजनीतिक प्रणाली में समस्या यह है कि मुख्यमंत्री यह फैसला करते हैं कि गांव की सड़क मामले में क्या हुआ, जबकि इस बारे में स्थानीय सरकार द्वारा फैसला किया जाना चाहिए।
उन्होंेने यह भी कहा कि कानून बनाने की प्रक्रिया नौकरशाहों द्वारा की जाती है और मंत्री व संसद कानून को मंजूरी देते हैं।
गांधी ने कहा, “मैं लोकसभा और विधानसभा में बदलाव लाने पर जोर देने का प्रयास करूंगा। मैं सहज कानून निर्माण प्रक्रिया शुरू करना चाहूंगा।”
–आईएएनएस
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