नई दिल्ली। आल इंडिया माइनोरिटीज़ फ़्रंट के अध्यक्ष सैयद मोहम्मद आसिफ ने देश का डीएनए एक और हिन्दू मुस्लिम एकता की बात भ्रामक वाले बयां को हाथी के दांत खाने के और दिखने के और कहकर उनके बयां पर सवाल खड़े किये हैं. उन्होंने कहा की आर एसएस द्वारा खड़ा किया गया हिंदुत्व अभियान के तहत होने वाली मोब लिंचिंग आर एस एस की देन है. हिंदुत्ववादी सरकार ने ऐसे हत्यारों को संरक्षण दिया है। जब जब ऐसी घटनाये देश में हुईं उस वक्त देश का डीएनए एक मानाने वाले कहाँ थे। भागवत ने कहा कि इसका आधार हमारी मातृभूमि है. बीते 40 हज़ार सालों से हम समान पूर्वजों के वंशज हैं और भारत के सब लोगों का DNA समान है, चाहें वो किसी भी धर्म के क्यों न हो. हिंदू- मुस्लिम एकता की बातें भ्रामक हैं क्योंकि यह दोनों अलग नहीं बल्कि एक है. लोगों के बीच पूजा पद्धति के आधार पर अंतर नहीं किया जा सकता है.
डॉ आसिफ ने कहा कि भागवत ने कहा “लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी” हैं लेकिन इन अपराधियों को गाय और भैंस में फ़र्क़ नहीं पता होता है लेकिन क़त्ल करने के लिए जुनैद, अखलाक़, पहलू, रकबर, अलीमुद्दीन को वे ठीक से पहचानते हैं। मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्री के अलीमुद्दीन के हत्यारों को गुलदस्ते पेश करते हैं. अखलाक के हत्या करने वाले के शव को तिरंगे का सम्मान दिया जाता है। उन्होंने कहा की जब आसिफ़ को मारने वालों के समर्थन में महापंचायत बुलाई जाती है तब आप और आप की जमात ख़ामोशी से हत्यारों के पक्ष में खड़ी नज़र आती है. एक भाजपा का प्रवक्ता ने पूछा की “क्या हम मर्डर भी नहीं कर सकते? मतविरोधी और दूसरे धर्म के लोगों का क़त्ल करना गोडसे की हिंदुत्व वाली सोंच से सम्बन्ध दिखाई देता है। मुसलमानों की लिंचिंग भी इसी सोच का नतीजा है.
देश में अल्पसंख्यकों के साथ जो हो रहा है वह कैसा संवाद है. धर्म और इमान की शिक्षा देने वाले मदरसों को झूठ फैला कर बदनाम क्यों किया जा रहा है. मुस्लमान आबादी बढ़ा रहे हैं ऐसा क्र के वः देश पर कब्ज़ा करना चाहते हैं. यह भ्रम कौन फैला रहा है ? लव जिहाद के नाम पर बेगुनाह मासूम लोगों को जेल में क्यों ठूंसा जा रहा है। गर कोई एकसे दूसरा धर्म अपनाता है तो उसे जबरन धर्म परिवर्तन क्यों ठहराया जा रहा है। धर्म परिवर्तन का माध्यम बनाने वाले मौलवी को सख्त कानून की धाराओं में गिरफ्तार किया जा रहा है जबकि जो अदालत व् सरकारी न्यायिक अधिकारी धर्म परिवर्तन का प्रमाणपत्र जारी करता है उसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होती. ऐस ऐसे मामलों में नासूम धर्मपरायण व्यक्ति को सलाखों के पीछे क्यों भेजा जा रहा है. भागवत ने कहा कि . हिंदू-मुस्लिम संघर्ष का एकमात्र समाधान ‘संवाद’ है, न कि ‘विसंवाद’. भारत में इस्लाम को किसी तरह का खतरा नहीं है. मुसलमानों को इस तरह के किसी डर में नहीं रहना चाहिए. यदि कोई हिंदू कहता है कि किसी मुसलमान को यहां नहीं रहना चाहिए तो वह व्यक्ति हिंदू नहीं हो सकता. ऐसा कहने से वो चर्चा में आ सकता है लेकिन इसके बाद वो हिंदू नहीं है. फिर भी सरकार पर आसीन आपके अनुयायी मुस्लिम विरोधी और नफ़रत फ़ैलाने वालों को संसद विधानसभा तक क्यों पहुँचारहे हैं। ऐसे लोगों को राजयपाल और उपराजयपाल क्यों नियुक्त किया जाता है। इसपर आप और आपका आर एस एस खामोश क्यों रहता है. आपकी कथनी कुछ ऐसी नहीं की चोर को कहो चोरी कर और सह से कहो की जागते रहो।
डॉ आसिफ ने कहा की मोहन भागवत जी आप कह रहे हैं कि मॉब लिंचिंग में शामिल लोग हिंदुत्व के खिलाफ है. गाय एक पवित्र जानवर है लेकिन जो लोग दूसरों को मार रहे हैं वे हिंदुत्व के खिलाफ जा रहे हैं. कानून को बिना किसी पक्षपात के उनके खिलाफ अपना काम करना चाहिए. हम एक लोकतंत्र में हैं. यहां हिंदुओं या मुसलमानों का प्रभुत्व नहीं हो सकता. यहां केवल भारतीयों का वर्चस्व हो सकता है. वह न तो कोई छवि बनाने के लिए कार्यक्रम में शामिल हुए हैं और न ही वोट बैंक की राजनीति के लिए. संघ न तो राजनीति में है और न ही वह कोई छवि बनाए रखने की चिंता करता है. संघ राष्ट्र को सशक्त बनाने और समाज में सभी लोगों के कल्याण के लिए अपना कार्य जारी रखता है. मइनोरिटीज़ फ्रंट के नेता ने कहा कि देश में आपकी सरकर का मुसलमानो के साथ जो बर्ताव है वह आपके प्रकट विचारों से अलग है और जो सीएए एनआरसी कानून बनाया गया है वह सीधे सीधे मुसलमानो के खिलाफ है। क्या आप केंद्र सरकार से कहेंगे की वह अपना मुस्लिम विरोधी कानून वापिस ले.
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