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मौलिक कहानियों वाली फिल्में बायोपिक से ज्यादा समय लेती हैं : जूही चतुर्वेदी

मुंबई: राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता पटकथा लेखक जूही चतुर्वेदी का कहना है कि किसी मौलिक कहानी पर फिल्म बनाना एक बायोपिक बनाने से ज्यादा मुश्किल है। जूही शूजित सरकार की आगामी फिल्म ‘अक्टूबर’ की लेखिका हैं।

फिल्म के ट्रेलर लॉन्च पर चतुर्वेदी से यह पूछे जाने पर कि क्या वह मौलिक कहानी लिखने की बजाय बायोपिक लिखना चाहेंगी, उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि ऐसी कहानियों पर फिल्में बनाई जानी चाहिए, जिसका रिलीज के बाद समाज पर प्रभाव पड़े। यह सच है कि एक मौलिक कहानी के साथ फिल्म बनाने में ज्यादा समय और मेहनत लगती है। कहानी लिखने में अधिक समय लगता है और लोगों के पास इंतजार करने के लिए धैर्य नहीं होता। वे सिर्फ जल्द से जल्द फिल्म बनाना चाहते हैं।”

उन्होंने कहा, “फिल्म ‘अक्टूबर’ की कहानी लिखने में मुझे ढाई साल का वक्त लगा और मुझे लगता है कि लेखन के लिए इतने समय की आवश्यकता होती है। मैं आभारी हूं कि शूजीत और रोनी (निर्माता रोनी लाहिड़ी) ने कहानी लिखने के लिए मेरा इंतजार किया।”

‘अक्टूबर’ 13 अप्रैल को रिलीज होगी।

–आईएएनएस

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