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'म्यूटेशन होते रहते हैं, हमें सतर्क रहने की जरूरत है'

‘म्यूटेशन होते रहते हैं, हमें सतर्क रहने की जरूरत है’

नई दिल्ली| महाराष्ट्र के कोविड -19 टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. शशांक जोशी ने रविवार को कहा कि म्यूटेशन होते रहते हैं और हमें चिकित्सकीय रूप से सतर्क रहने की जरूरत है। अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के दौरान, डॉ. जोशी ने कहा, “इससे डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। ये परिवर्तन होते रहते हैं, जिस तरह से हम अपने कपड़े बदलते हैं, वायरस अपना रंग बदलता रहता है। डरने की कोई बात नहीं है और हम इस लहर को भी पार कर लेंगे।”

उन्होंने बताया कि कोविड के पास 14 से 21 दिन की समय सारिणी होती है, जिसमें डॉक्टर की सलाह का लाभ उठाना चाहिए।

रेमेडिसविर के उपयोग के बारे में बोलते हुए, उन्होंने कहा, “रेमडेसिविर नाम की एक नई प्रायोगिक दवा है। लेकिन इस दवा के बारे में एक बात यह है कि अस्पताल में 2-3 दिन तक रहना पड़ता है और यह क्लिनिकली रिकवर होने में मदद करता है। यह केवल तभी काम करता है जब कोविड होने के बाद 9-10 के अंदर इसे लिया जाए और इसे केवल पांच दिनों के लिए लेना चाहिए। ”

उन्होंने चेतावनी दी कि जिस तरह से लोग रेमडेसिवीर के पीछे भाग रहे हैं, उन्हें ऐसा करना बंद कर देना चाहिए।

“इस दवा की एक सीमित भूमिका है। इसे केवल तब लिया जाना चाहिए जब लोग अस्पताल में ऑक्सीजन पर हैं, वो भी डॉक्टरों की सलाह के अनुसार। सभी लोगों के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है।”

उन्होंने बताया कि रक्त को पतला करने के लिए हेपरिन नामक एक इंजेक्शन के साथ 98 प्रतिशत लोग ठीक हुए हैं।

डॉ. जोशी को 2014 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। उन्होंने कहा कि उपचार डॉक्टर की सलाह के अनुसार होना चाहिए।

–आईएएनएस

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