शाहीन बाघ की बिलकिस दादी ने आज दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा:
“यह मुहीम प्यार और मोहब्बत की थी।
हमारे जवान बच्चोँ को क्योँ जेल में डाला जा रहा है, ये उनके पढ़े-लिखने का टाइम है।
सरकार को बहुत कुछ करना है – किसानों के लिए, भुखमरी और खुदखुशी को रोकने के लिए। सरकार को ये सब पर सोचना चाहिए। मुझे भी इन अब पे बहुत फ़िक्र है।
अगर हम अपने घर से नहीं निकलेंगे अगर हम आवाज़ नहीं उठाएंगे तो सरकार को कैसे पता चलेगा की हमे कोई दिक्कत है ?
आज कोवीड के खिलाफ लड़ाई सबसे एहम है पर जब वो संभल जायेगा तो CAA की बीमारी के खिलाफ लड़ाई ज़ारी होगी। बराबरी की नागरिकता के लिए हमारी मुहीम चालू रहेगी।
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