लखनऊ| उत्तर प्रदेश विधान मंडल का गुरुवार से बजट सत्र शुरू हो गया। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता सदन के पहले दिन ट्रैक्टर से विधान भवन पहुंचे। वो ट्रैक्टर परिसर के अंदर ले जाना चाहते थे लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। जिसके बाद सपा कार्यकर्ता चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास जाकर बैठ गए। इस दौरान लगातार नारेबाजी होती रही। विधान भवन जैसे संवेदनशील स्थान पर समाजवादी पार्टी के नेता तमाम सुरक्षा इंतजाम को धता बता कर बोतलों में पेट्रोल तथा डीजल लेकर प्रवेश कर गए। इस दौरान इन लोगों ने पेट्रोल तथा डीजल से भरी बोतलों के साथ प्रदर्शन किया।
विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह साजन तथा आनंद भदौरिया की इस दौरान सड़क पर काफी देर तक पुलिस से झड़प भी होती रही। इस दौरान विधानसभा मार्ग पर यातायात को रोक दिया गया। किसी भी प्रकार के वाहन को इस मार्ग पर चलने की अनुमति नहीं है।
विधानमंडल सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण से पहले ही बड़ी संख्या में समाजवादी पार्टी के विधायक तथा विधान परिषद सदस्य विधान भवन प्रांगण में हंगामा कर रहे हैं। यह लोग चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास बैठकर सरकार विरोधी नारेबाजी कर रहे हैं। यह लोग पेट्रोल तथा डीजल के दाम में लगातार बढ़ोतरी के साथ ही कानून-व्यवस्था को लेकर भी विरोध कर रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि विधानमंडल के बजट सत्र में समाजवादी पार्टी किसान आंदोलन का मुद्दा प्रमुखता से उठाएगी। दिल्ली से सटी प्रदेश की सीमा (गाजीपुर बॉर्डर) पर किसानों के आंदोलन को 80 दिन से ज्यादा हो गए हैं। बॉर्डर पर कटीले तारों, कीलों व बड़े-बड़े पत्थरों से ऐसी बैरिकेडिंग की गई है मानों दुश्मन से लोहा लेने की तैयारी हो। सरकार ने लोकतांत्रिक मूल्यों को ताक पर रख दिया है। किसानों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। किसानों को तबाह करने वाले कानून जबरन थोपे जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने गन्ना किसानों के साथ धोखा किया है। तीन साल से गन्ना मूल्य नहीं बढ़ाया। बकाया भुगतान भी 10 हजार करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच गया है। सरकार गन्ना किसानों के हितों की पूरी तरह अनदेखी कर रही है। यही हाल धान खरीद का रहा। किसानों को हजार से बारह सौ रुपये प्रति क्विंटल में बिचैलियों के हाथों धान बेचना पड़ा। उन्होंने कहा कि पुलिस हिरासत में मौतें बढ़ गई हैं। आजादी के बाद प्रदेश में इतनी खराब कानून व्यवस्था कभी नहीं रही, जितनी अब है। प्रधानों, पूर्व प्रधानों की हत्याएं हो रही हैं। समाजवादी पार्टी इन सभी मुद्दों को विधानसभा में पूरी ताकत से उठाएगी।
इस सत्र में योगी आदित्यनाथ सरकार अपने कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट प्रस्तुत करेगी। विपक्ष भी सरकार की घेराबंदी करने के लिए कमर कसे हुए है। इसके चलते सत्र हंगामेदार रहना तय है।
कोरोना संकट काल में 2021-22 में विधानमंडल के इस प्रथम सत्र में कोरोना संक्रमण से बचाव के उपायों के इंतजाम हैं। सदन के भीतर सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन करते हुए सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गयी है।
–आईएएनएस
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