लखनऊ | योगी आदित्यनाथ सरकार ने लॉकडाउन के दौरान राजस्व में गिरावट को देखते हुए सरकारी विभागों और अधिकारियों के लिए उपायों की घोषणा की है। वित्त के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव मित्तल जो वित्तीय संसाधनों को बढ़ाने पर एक समिति के प्रमुख हैं, उन्होंने नए उपायों की एक सूची जारी की है।
इसके मुताबिक राज्य में कोई महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू नहीं की जाएगी, सरकारी अधिकारियों द्वारा कार खरीदने और हवाई यात्रा पर प्रतिबंध होगा।
इसके अलावा, सरकारी खचरें पर प्रभावी जांच के लिए कोई नया पद सृजित नहीं किया जाएगा।
मित्तल ने कहा कि जैसा कि राज्य के राजस्व में भारी गिरावट दर्ज की गई है, ऐसे में कठोर उपायों का सहारा लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
उन्होंने कहा कि टूर के बजाय अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठकें करने की सलाह दी जाएगी।
अधिकारियों को सम्मेलनों, सेमिनारों और बैठकों के आयोजन के लिए लक्जरी होटल का उपयोग नहीं करने के लिए कहा गया है, बल्कि इस तरह के आयोजनों के लिए सरकारी भवनों का उपयोग करने के लिए कहा गया है।
अधिकारियों को उन पदों की पहचान करने के लिए कहा गया है जो प्रौद्योगिकी के आगमन के कारण अप्रचलित हो गए हैं, ऐसे में उन कर्मचारियों को कहीं और तैनात करने के लिए कहा गया है।
अभी मौजूदा निमार्णाधीन परियोजनाओं को पूरा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
विभिन्न विभागों में सलाहकारों और अध्यक्षों की नियुक्ति भी रोक दी गई है।
फंड की कमी को देखते हुए केंद्र प्रायोजित योजनाओं में राज्य का हिस्सा किश्तों में दिया जाएगा।
इससे पहले, सरकार ने अपने 16 लाख कर्मचारियों के भत्तों में कटौती की थी और विधायकों और एमएलसी के फंड को फ्रीज किया था। सरकारी खजाने पर बोझ कम करने के लिए मंत्रियों के वेतन और भत्ते भी घटाए गए हैं।
–आईएएनएस
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