उत्तर प्रदेश के नोएडा में कथित एनकाउंटर को लेकर विधान परिषद में हंगामे और उसके बाद सभापति द्वारा सीबीआई जांच के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आपत्ति जताते हुए कहा कि नोएडा में कोई एनकाउंटर हुआ ही नहीं है, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सदन की गरिमा का ख्याल न रखते हुए पीठ ने उसकी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने का निर्देश दे दिया। योगी ने विधान परिषद में विपक्ष को जवाब देते हुए कहा, “सीबीआई केंद्र सरकार के अधीन एजेंसी है और वह सरकार की सिफारिश पर जांच करती है। पीठ को सदन की गरिमा और मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए। पीठ के फैसले ने ही इसको कटघरे में खड़ा करने का काम किया है। पुलिस ने नोएडा में ऐसा कोई एनकाउंटर किया ही नहीं है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि सही यही होगा कि पीठ अपनी मर्यादा का ख्याल रखे और अपने कार्यक्षेत्र के दायरे में ही रहे।
योगी ने हालांकि स्पष्ट शब्दों में कहा कि पुलिस ने नोएडा में गोली चलने की घटना को एनकाउंटर माना ही नहीं है। जिसको गोली लगी है उसका इलाज पुलिस करा रही है और उसने अपना बयान दे दिया है। गोली चलाने वाले अधिकारी ने भी अपना बयान दिया है। इसके बाद फर्जी एनकाउंटर की गुंजाइश ही नहीं रह जाती।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अपराधियों के खिलाफ एनकाउंटर जारी रखेगी और पुलिस महिलाओं के साथ गैंगरेप करने वालों, निर्दोष लोगों को लूटने वालों से सख्ती से निपटेगी।
योगी ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में हो रहे जनहित के कायरें से ध्यान भटकाने के लिए ही विपक्ष इस तरीके का माहौल बना रहा है। लेकिन, यह बात विपक्ष के नेता भी जानते हैं कि प्रदेश में किसकी सरकार में कानून का राज नहीं था।
नोएडा में एनकाउंटर का आरोप लगाते हुए विपक्ष ने मंगलवार को विधान परिषद में जमकर हंगामा किया था। इस दौरान विधान परिषद के सभापति ने नोएडा एनकाउंटर की जांच सीबीआई से कराने का निर्देश दे दिया था। इसी मामले में योगी ने शुक्रवार को सदन में सरकार का पक्ष रखा और इस पर अपनी आपत्ति जताई।
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