नई दिल्ली: संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में सोमवार को तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) और अन्य विपक्षी दलों के हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सुबह जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, सभापति एम.वेंकैया नायडू ने शून्यकाल शुरू करते हुए वाईएसआर कांग्रेस के नेता विजय साई रेड्डी को अपनी बात रखने को कहा।
लेकिन कुछ ही देर में तेदेपा सांसद सभापति के आसन के पास इकट्ठा हो गए। इनके हाथों में आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने की मांग करते प्लाकार्ड थे।
कांग्रेस और एआईएडीएमके सांसदों ने भी अपनी सीटों से उठकर हंगामा करना शुरू कर दिया। कांग्रेस पीएनबी घोटाले सहित बैंक धोखाधड़ी मामलों में चर्चा की मांग कर रही है जबकि एआईएडीएमके कावेरी जल विवाद पर हंगामा करती रही।
नायडू ने हंगामा कर रहे सांसदों से अपनी-अपनी सीटों पर जाने और शून्यकाल का संचालन करने देने को कहा।
सभापति ने कहा, “बहुत हो गया। मैं हर मुद्दे को उठाने की अनुमति दे रहा हूं इसलिए सदन की कार्यवाही बाधित करने का कोई मतलब नहीं है। यह बहुत गलत है और इससे बाहर गलत संदेश जा रहा है।”
इसके बाद नायडू ने सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले सभापति नायडू ने सदन में कुछ मंत्रियों के अनुपस्थित रहने और बिना सभापति की मंजूरी के अन्य सांसदों द्वारा उनके प्रश्न उठाने पर नाराजगी जताई।
उन्होंने कहा, “सिर्फ संबद्ध मंत्री ही बयान दें। मुझे उम्मीद है कि संसदीय कार्यमंत्री इस पर ध्यान देंगे।”
–आईएएनएस
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