अंबाला कैंट| पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि पांच राफेल लड़ाकू विमानों को सूचना मिलने पर बेहद कम समय में ही वहां तैनात किया जा सकता है। केंद्रीय रक्षा मंत्री ने गुरुवार को कहा कि भारत शांति के लिए प्रयास करता है, मगर किसी भी परिस्थिति में वह अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता नहीं करने देगा।
हरियाणा के अंबाला एयर बेस पर गुरुवार को एक भव्य समारोह में राफेल विमानों की इंडक्शन सेरेमनी के दौरान सिंह ने इन विमानों के संचालन को लेकर कहा, “हमारी सीमाओं पर जिस तरह का वातावरण है और बनाया जा रहा है, उसे देखते हुए इन विमानों का इंडक्शन अहम है।”
इन विमानों को फ्रांसीसी कंपनी डसॉ एविएशन ने बनाया है।
रक्षा मंत्री ने कहा, “सभी जानते हैं कि भारत विश्व शांति के लिए प्रयास करता है, लेकिन लद्दाख की स्थिति को देखते हुए, हमें सतर्क रहने की आवश्यकता है।”
उन्होंने यह भी कहा, “जिस तेजी के साथ भारतीय वायु सेना आगे के ठिकानों पर तैनात हुई है, उसने भरोसा दिलाया है हमारी वायु सेना ऑपरेशंस को लेकर पूरी तरह से तैयार है।”
सिंह ने यह भी कहा कि मास्को की हालिया यात्रा के दौरान उन्होंने भारत का दृष्टिकोण पूरी दुनिया के सामने स्पष्ट कर दिया है। सिंह ने कहा, “हम किसी भी स्थिति में अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता नहीं करेंगे। हम इसके लिए हर संभव प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
बता दें कि वह इस महीने की शुरूआत में शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन के विदेश मंत्रियों की संयुक्त बैठक और कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिपेंडेंट स्टेट्स कंट्रीज की बैठक में हिस्सा लेने के लिए रूसी राजधानी गए थे।
रक्षा मंत्री ने कहा, “राफेल का सेना में शामिल होना पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा और कठोर संदेश है, विशेष रूप से उनके लिए जो हमारी संप्रभुता पर नजर रखते हैं।”
यह कहते हुए कि फ्रांस के साथ राफेल सौदा एक गेम चेंजर है, सिंह ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में और 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान फ्रांसीसी लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया था।
फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले भी इस समारोह का हिस्सा थे। इस मौके पर उन्होंने कहा, “यदि आप काव्यात्मक अंदाज में लें तो राफेल का मतलब हवा का झोंका कह सकते हैं, लेकिन युद्ध के मैदान में इसका मतलब आग बरसाने वाला है।”
भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर. के. भदौरिया ने कहा, “आज राफेल को शामिल कर दिया गया है। गोल्डन एरो सौभाग्यशाली है कि अब वो राफेल से लैस है।”
उन्होंने फ्रांसीसी वायुसेना को उनके समर्थन और टैंकर उपलब्ध कराने के लिए धन्यवाद भी दिया।
अंबाला एयरबेस पर एक भव्य समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राफेल का बेड़े में शामिल होना, भारत और फ्रांस के बीच प्रगाढ़ संबंध को दिखाता है।
इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राफेल का वायु सेना के बेड़े में शामिल होना उन देशों को कड़ा संदेश है, जो भारत की संप्रभुता पर नजर लगाए बैठे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि भारत की सुरक्षा संबंधी चिंताएं भारत-प्रशांत और हिंद महासागर क्षेत्रों तक फैली हुई हैं और फ्रांस के साथ साझेदारी केवल राफेल तक सीमित नहीं है। उन्होंने कहा, “हम भारत में बनाई जा रही स्कॉर्पीन पनडुब्बियों पर भी सहयोग कर रहे हैं।”
बता दें कि राफेल को भारत की रक्षा में मील का पत्थर माना जा रहा है। राफेल वायु सेना की 17वीं स्क्वाड्रन में शामिल हो रहा है। राफेल 4.5 जनरेशन का विमान है, जिसमें आधुनिक हथियारों के प्रयोग के साथ ही बेहतर सेंसर की भी अत्याधुनिक सुविधा है।
अंबाला में कार्यक्रम की शुरूआत राफेल विमान की एक पारंपरिक ‘सर्व धर्म पूजा’ के साथ हुई। एयर डिस्प्ले के बाद राफेल विमान को पारंपरिक जल तोप की सलामी दी गई।
राफेल एक ओमनी-रोल विमान है, जिसका मतलब है कि यह एक बार में कम से कम चार मिशन कर सकता है। इस लड़ाकू विमान में हैमर मिसाइलें होती हैं।
इस अवसर पर राफेल, सुखोई और भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टरों की कलाबाजी भी देखी गई।
–आईएएनएस
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