नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को लोकसभा में उस समय हर किसी को हैरान कर दिया, जब उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान भाजपा नेतृत्व वाली सरकार पर जबरदस्त हमला बोलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास जाकर उन्हें गले लगाया।
राहुल ने अपने 40 मिनट के जोरदार भाषण में कहा, “मेरे मन में आपके लिए नफरत या द्वेषपूर्ण भावनाएं रत्ती भर भी नहीं हैं। आप मुझसे नफरत करते हैं। आप मुझे ‘पप्पू’ कह सकते हैं। आप मेरे लिए अपशब्दों की झड़ी लगा सकते हैं। लेकिन मैं आपसे नफरत नहीं करता हूं, आपको लेकर रत्ती भर भी नाराजगी नहीं है, क्योंकि मैं कांग्रेस हूं।”
राहुल ने मोदी पर देश से झूठ बोलने और अलंकारित ‘जुमला’ बोलकर गरीबों को धोखा देने का आरोप लगाया। उन्होंने ‘देश में महिलाओं के सुरक्षित महसूस नहीं करने और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को पीट-पीटकर मार देने पर मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए।’
राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह कांग्रेस के नेताओं से बिल्कुल अलग तरह के नेता हैं।
राहुल ने कहा, “हम जीत और हार, सत्ता में रहने या सत्ता से बाहर रहने, हर स्थिति के लिए राजी हैं। लेकिन वे हार को बर्दाश्त नहीं कर सकते। वे हारने से डरते हैं। यह डर क्रोध में बदल जाता है..लेकिन मैं इस क्रोध को प्यार में बदलूंगा क्योंकि मैं कांग्रेस हूं।”
राहुल के भाषण के दौरान उनकी कुछ टिप्पणियों के खिलाफ भाजपा सदस्यों के हंगामे से सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित हुई। सदन के फिर से बैठने के बाद राहुल ने कहा कि इस ब्रेक के दौरान कुछ विपक्षी सांसदों ने उन्हें ‘अच्छा बोलने’ के लिए बधाई दी।
उन्होंने कहा, “मैं आश्चर्यचकित था जब आपके अपने सदस्यों ने मुझसे हाथ मिलाया और कहा ‘आपने वास्तव में अच्छा बोला।’ यह आवाज वहां आपके अंदर भी है। यह आवाज सिर्फ हमारे भीतर नहीं है। यह अकाली नेता (हरसिमत कौर की ओर इशारा करते हुए) मेरी तरफ देख रही हैं और मुस्करा रही हैं। यही अहसास पूरे देश में है। हमारा काम इन अहसासों को जोड़ने का है।”
उन्होंने कहा, “पूरा विपक्ष और आपमें से कुछ लोगों के साथ मिलकर हम चुनाव में प्रधानमंत्री को हराने जा रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “आप सोच सकते हैं कि मेरे दिल में प्रधानमंत्री के लिए नफरत और क्रोध है। लेकिन मैं यह दिल की गहराई से कहना चाहता हूं कि मैं प्रधानमंत्री, भाजपा और आरएसएस का शुक्रगुजार हूं। उन्होंने मुझे कांग्रेस का मतलब समझाया। उन्होंने मुझे हिंदुस्तानी होने का मतलब समझाया।”
राहुल ने कहा, “हिंदुस्तानी होने का मतलब है, कोई आपके खिलाफ कुछ करे, कोई आपके खिलाफ लाठी का प्रयोग कर सकता है, गाली दे सकता है, लेकिन फिर भी आपको उसके लिए प्यार प्रदर्शित करना है। नरेंद्र मोदी, भाजपा ओर आरएसएस ने मुझे यह सिखाया। मैं इसके लिए दिल से आपको धन्यवाद देना चाहता हूं।”
उन्होंने कहा, “आपने मुझे मेरे धर्म के बारे में बताया, शिवजी का मतलब समझाया, आपकी वजह से मुझे हिंदू होने का अर्थ समझ में आया। मैं इसके लिए आपको धन्यवाद कहना चाहता हूं।”
भाषण के बाद राहुल सत्तारूढ़ बेंच की तरफ बढ़े और उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को गले लगा लिया। कांग्रेस अध्यक्ष को प्रधानमंत्री से यह आग्रह करते हुए सुना गया कि वह खड़े हो जाएं ताकि वह उन्हें प्रणाम कर सकें।
शुरू में प्रधानमंत्री भी इससे हैरान रह गए और ऐसे हावभाव दिखाए जिसमें उन्होंने राहुल से वहां होने की वजह पूछी। लेकिन, राहुल झुके और मोदी को जोर से गले लगा लिया। हतप्रभ मोदी ने भी उन्हें गले लगाया। फिर प्रधानमंत्री ने राहुल को अपनी तरफ बुलाया और उनसे हाथ मिलाया। उन्होंने राहुल की पीठ को थपथपाया और उनसे मुस्कराकर कुछ बात की।
विपक्षी सदस्यों ने राहुल के प्रति खड़े होकर और डेस्क थपथपाकर सम्मान जाहिर किया। लेकिन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि ऐसा आचरण सदन के नियमों के खिलाफ है।
शिरोमणी अकाली दल की सांसद हरसिमत कौर बादल ने राहुल पर उन्हें देख कर मुस्कराने वाले बयान पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “यह संसद है, न कि मुन्ना भाई की ‘पप्पी झप्पी’ वाली जगह।”
इस पर अध्यक्ष महाजन ने कहा कि जब राहुल बोल रहे थे, तब ‘आप मुस्करा तो रहीं थीं।’ इस पर सदन में सदस्यों ने ठहाके लगाए।
जब राहुल अपनी जगह वापस आ रहे थे तो उन्हें मध्य प्रदेश के कांग्रेस सांसद ज्योदिरादित्य सिंधिया को देखकर आंख मारते हुए देखा गया।
–आईएएनएस
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