लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मेट्रो के लिए चारबाग से हजरतगंज के बीच कई बड़ी इमारतों के नीचे से सुरंग बनेगी। यह सुरंग जमीन के 60 से 70 फुट नीचे बनेगी।
सुरंग की खुदाई टनल बोरिंग मशीनों से होगी। इससे किसी इमारत को कोई नुकसान पहुंचने की आशंका नहीं है। फिर भी बाद में कोई भवन स्वामी सवाल न उठा सके इसके लिए एलएमआरसी ने उन सभी इमारतों की वीडियो व फोटोग्राफी कराई है।
मेट्रो अधिकारियों के मुताबिक, केकेसी से हजरतगंज तक ऐसी दो दर्जन से ज्यादा इमारतों की फोटो व वीडियोग्राफी कराई गई है। उन्होंने बताया कि मेट्रो केकेसी से हजरतगंज तक सुरंग में चलेगी। इसके लिए काम शुरू कर दिया गया है। सुरंग की खुदाई के लिए सचिवालय के सामने टनल बोरिंग मशीन उतारी जा रही है। 13 फरवरी से सुरंग खोदने का काम भी शुरू हो जाएगा। केकेसी से हजरतगंज तक मेट्रो की सुरंग के नीचे दो दर्जन से ज्यादा बिल्डिंग आ रही हैं। इनमें कुछ बड़ी बिल्डिंग भी हैं। जनपथ सचिवालय, कैपिटल की बिल्डिंग के नीचे से भी सुरंग निकलेगी।
लखनऊ मेट्रो रेल कॉपोरेशन (एलएमआरसी) के प्रबंध निदेशक कुमार केशव व निदेशक दलजीत सिंह ने बताया कि सुरंग की खुदाई काफी एडवांस मशीन से की जाएगी। सुरंग को खोदकर उसके चारों तरफ कंक्रीटिंग का काम बहुत तेजी से होगा। सुरंग के चारों तरफ दीवार बनाने के साथ बाहर की तरफ का खाली गैप कुछ ही मिनटों में ग्राउटिंग से तत्काल कंक्रीट से भर दिया जाएगा। इससे बिल्डिंग के बैठने व खिसकने की जरा सी भी गुंजाइश नहीं रहती है।
मेट्रो की सुरंग हैदर कैनाल नाले के नीचे भी बनेगी। केकेसी के पास से निकले हैदर कैनाल नाले के नीचे सुरंग बनाने की मंजूरी एलएमआरसी ने नगर निगम से ले ली है। यहां ऊपर नाला बहता रहता है और इसके करीब 50 फुट नीचे मेट्रो की सुरंग बनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि सुरंग की खुदाई से नाले से पानी का बहाव बिल्कुल प्रभावित नहीं होगा। करीब छह महीने बाद यहां भी काम शुरू होने की उम्मीद है।
(आईएएनएस)
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