नई दिल्ली| रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि सरकार सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका को बढ़ाने में विश्वास रखती है और इस दिशा में लगातार कई कदम उठाए गए हैं। इनमें सैनिक विद्यालयों में लड़कियों के नामांकन का रास्ता साफ करना और महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन प्रदान करना शामिल है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नए सैनिक विद्यालय स्थापित करने का निर्णय लड़कियों को देश की सेवा करने के अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
राजनाथ सिंह ने शनिवार को सैनिक विद्यालयों पर एक वेबिनार की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने कहा, 100 नए सैनिक विद्यालयों की स्थापना से लड़कियों को सशस्त्र बलों में शामिल होने और राष्ट्रीय सुरक्षा में अपना योगदान करने का अवसर मिलेगा।
रक्षा मंत्री ने सैनिक विद्यालयों के विस्तार की घोषणा को पिछले छह-सात वर्षों में बच्चों की बुनियादी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और देश के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए सरकार के कई महत्वपूर्ण निणर्यों में से एक बताया।
उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि आने वाले समय में सैनिक विद्यालयों में रक्षा और शिक्षा का एकीकरण राष्ट्र के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि जहां एक सैनिक एकता, अनुशासन और निष्ठा का प्रतीक है, वहीं विद्यालय शिक्षा का केंद्र है। इस आधार पर सैनिक विद्यालय बच्चों को सक्षम नागरिक बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
सिंह ने आगे कहा कि सरकार देश के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, क्योंकि यह समाज के सर्वांगीण विकास के लिए एक मजबूत नींव रखती है।
उन्होंने कहा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा संयुक्त राष्ट्र के अपनाए गए 17 सतत विकास लक्ष्यों का आधार है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के तहत कई अन्य लक्ष्य हैं। इन लक्ष्यों की प्राप्ति को लेकर हमारी मजबूत राजनीतिक प्रतिबद्धता रही है। सर्व शिक्षा अभियान और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान जैसी कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इस दिशा में 100 नए सैनिक विद्यालयों की स्थापना एक और महत्वपूर्ण कदम है।
रक्षा मंत्री सिंह ने शिक्षा को एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बताया, जो अन्य सभी क्षेत्रों के विकास में एक भूमिका निभाता है। उन्होंने निजी क्षेत्र से इसमें आत्मनिर्भरता की सोच को प्राप्त करने और बच्चों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए सरकार के साथ आने का अनुरोध किया।
रक्षा मंत्री ने कहा, आज हमारा देश हर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच सामंजस्य के चलते रक्षा, स्वास्थ्य, संचार, उद्योग और परिवहन जैसे क्षेत्रों में नई ऊंचाइयों को छू रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांति और बच्चों के सर्वांगीण विकास की जरूरत है। रक्षा, शिक्षा और निजी क्षेत्र के बीच मजबूत सहभागिता की स्थिति में ही ऐसा संभव है। यह वेबीनार इस साझेदारी की एक नींव है।
उन्होंने निजी क्षेत्र से सरकार की सैनिक विद्यालयों के विस्तार की पहल में शामिल होने का आग्रह किया।
–आईएएनएस
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