नई दिल्ली| देश में कोरोनावायरस महामारी के बढ़ते मामलों के बीच कांग्रेस कार्यकारी समिति ने बैठक का अयोजन किया और कांग्रेस शासित राज्यों से वहां किए जा रहे इंतजामों को लेकर फीडबैक लिया। पार्टी ने इस दौरान समाज के वंचित तबकों और दिहाड़ी मजदूरों की भलाई के लिए कई कदम उठाने की सलाह दी। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी लॉकडाउन को बगैर तैयारी लागू करने की आलोचना की और जोर देकर कहा कि टेस्ट करने से ही इस बीमारी से पार पाया जा सकता है, जिसका देश में अभाव है। साथ ही उन्होंने सरकार से ‘आम न्यूनतम राहत पैकेज’ तैयार करने और इसे जारी करने की मांग की।
सोनिया गांधी ने अपने बयान में सरकार की ओलाचना की और कहा कि 21 दिन का देशव्यापी लॉकडाउन हो सकता है जरूरी हो, लेकिन इसे बगैर तैयारी के साथ लागू किया गया, जिससे अफरातफरी का माहौल उत्पन्न हुआ और पूरे भारत में लाखों प्रवासी मजदूरों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
सोनिया ने कहा, “हमारे डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्य कर्मियों को सभी संभव सहायता दी जानी चाहिए। उन्हें युद्ध स्तर पर निजी सुरक्षा उपकरण मुहैया कराया जाना चाहिए। उसी तरह वेंटिलेटर, आइसोलेशन बेड और कोविड के लिए समर्पित अस्पतालों की आवश्यकता है।”
सोनिया ने इसके अलावा प्रवासियों की सही से देखभाल नहीं करने को लेकर सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि यह देखना काफी दुखदायी है कि सैकड़ों प्रवासी बिना खाए-पीए अपने घरों की ओर जाने के लिए हजारों किलोमीटर की यात्रा तय कर रहे हैं।
–आईएएनएस
और भी हैं
संभल की घटना पर बोली कांग्रेस, ‘योगी राज में कोई सेफ नहीं’
एक्सिस माय इंडिया एग्जिट पोल में महाराष्ट्र में महायुति को बहुमत, एमवीए को झटका
मध्य प्रदेश की पहली मेडिसिटी का उज्जैन में भूमि पूजन