नई दिल्ली: दिल्ली में आरएसएस की 46 सामुदायिक रसोइयों से हर दिन 75 हजार गरीबों को भोजन मिल रहा है। इसी तरह देश के लगभग सभी राज्यों में आरएसएस कम्युनिटी किचेन सर्विस के जरिए जहां भूखों को भोजन पहुंचा रहा है, वहीं चिकित्सकों के जरिए इलाज की सुविधा भी। कहीं पर संघ कार्यकर्ता सामूहिक रूप से आयोजन कर रहे तो कहीं पर स्वयंसेवक निजी स्तर पर सेवा कार्य संचालित कर रहे हैं।
कोरोनावायरस के कारण देश में हुए लॉकडाउन के बाद से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) के एक लाख से अधिक कार्यकर्ता 10 लाख जरूरमंद परिवारों तक पहुंचे हैं। देश में कुल 10 हजार स्थानों पर आरएसएस के स्वयंसेवक राहत कार्य संचालित कर रहे हैं।
आरएसएस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लॉकडाउन के निर्णय की सराहना करते हुए अपने कार्यकर्ताओं से मदद कार्य में आगे आने की अपील की थी, जिसके बाद से संघ कार्यकर्ता दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश सहित लगभग सभी राज्यों में आरएसएस की ओर से जरूरतमंदों तक भोजन सामग्री पहुंचाने से लेकर चिकित्सकों की मदद से इलाज सुविधा भी उपलब्ध करा रहे हैं।
आरएसएस का मानना है कि कोरोना संकट की इस घड़ी में देश के लोग अपने सेवा कार्यों से दुनिया के सामने भारत को एक उदाहरण बना सकते हैं। आरएसएस के सर कार्यवाह भैय्याजी जोशी ने भी गुरुवार को अपने एक संदेश में विश्व के सामने आदर्श पेश करने की बात पर जोर दिया।
सुरेश भैय्याजी जोशी ने गुरुवार को रामनवमी पर जारी अपने एक संदेश में कहा, “आज रामनवमी का पर्व है। आज हम एक भिन्न प्रकार के संकट से गुजर रहे हैं। आज की यह बीमारी संक्रमण की बीमारी है। इसलिए संक्रमण रोकना यही इस समस्या का समाधान है। इसलिए आज इस रामनवमी के पवित्र दिवस पर हम सभी लोग इस प्रकार का एक संकल्प लेकर चलें कि ऐसे संकटों से कैसे पार किया जा सकता है, इसका एक आदर्श हमें विश्व के सामने प्रस्तुत करना है।”
भैय्याजी जोशी ने कहा कि देश भर में सभी स्थानों पर आरएसएस के स्वयंसेवक सेवा कार्य में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा, “आज लगभग 10 हजार स्थानों पर एक लाख से अधिक स्वयंसेवक भिन्न-भिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति करने में लगे हुए हैं। विशेषत: भोजन सामग्री और सेनेटाइजर पहुंचाना, चिकित्सालयों में जाकर सेवा देना, इस प्रकार के कामों में लगे हैं। कहा जा सकता है कि इस योजना के तहत करीब-करीब 10 लाख परिवारों में आज अपने संघ के स्वयंसेवक किसी न किसी माध्यम से पहुंचे हैं।”
भैय्याजी जोशी ने कहा कि “महाराष्ट्र में कई स्थानों पर मौजूद घुमंतू जातियों का जीवन बहुत कठिनाई से गुजर रहा है। स्वयंसेवकों ने इन स्थानों पर जाकर भी भोजन की व्यवस्था की है। एक हजार से अधिक स्वयंसेवकों ने रक्तदान भी किया और तमाम स्वयंसेवक जागरूकता फैलाने में भी जुटे हैं।”
–आईएएनएस
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