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गणतंत्र दिवस पर राहुल गांधी ने अमर जवान ज्योति को किया याद, केंद्र पर किया कटाक्ष

लॉकडाउन हटाने से पहले सरकार को एग्जिट प्लान में पारदर्शिता लाने की जरूरत : राहुल गांधी

नई दिल्ली | कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के प्रसार का मुकाबला करने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन एक ऑन-ऑफ स्विच की तरह नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार अगर लॉकडाउन को खत्म करना चाहती है तो उसे लोगों की मानसिक सोच में क्रियात्मक परिवर्तन और एग्जिट प्लान (निकास योजना) में पारदर्शिता लाना होगा। मीडियाकर्मियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा, “हम सरकार को जो सुझाव दे रहे हैं, उन पर हम आंतरिक चर्चा करते रहे हैं।”

राहुल ने कहा कि देश थोड़ी समस्या में चलने लगा है। उन्होंने कहा, “एक मजबूत भावना है कि हमें तुरंत एमएसएमई को पैकेज जारी करने की आवश्यकता है, गरीबों के हाथों में पैसा देने और लॉकडाउन खोलने की तैयारी के अलावा प्रवासियों के लिए एक रणनीति तैयार करने की जरूरत है।”

राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से अपने कार्यों में थोड़ी ‘पारदर्शिता’ लाने का भी आग्रह किया।

कांग्रेस नेता ने कहा, “हमें यह समझने की जरूरत है कि जब वे लॉकडाउन हटाते हैं, तो इसके लिए क्या मापदंड होंगे, वे कौन से बॉक्स हैं, जिन्हें वास्तव में प्रक्रिया शुरू करने से पहले वे टिक करना चाहते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि सरकार इन मानदंडों के बारे में लोगों को बताए।”

कांग्रेस नेता ने कहा कि लॉकडाउन खोलने के लिए कई चीजों की आवश्यकता होती है, इसके लिए मनोवैज्ञानिक परिवर्तन की आवश्यकता होती है।

राहुल गांधी के अनुसार, कोविड-19 बीमारी वर्तमान में बुजुर्गों और मधुमेह, हृदय संबंधी समस्या और फेफड़ों की बीमारी जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए बहुत खतरनाक है।

उन्होंने कहा, “हमें लोगों के दिमाग में एक मनोवैज्ञानिक बदलाव लाने की जरूरत है। अगर सरकार खोलना चाहती है, तो उसे इस डर को विश्वास की भावना में बदलना होगा। अन्यथा लोग उस पल से बाहर जाना शुरू कर देंगे, जब लॉकडाउन हटा दिया जाएगा।”

राहुल ने कहा कि हमें लॉकडाउन खोलने के लिए एक रणनीति की आवश्यकता है। इसके लिए राज्यों, केंद्र सरकार, जिला अधिकारियों और कई अन्य लोगों के बीच समन्वय की आवश्यकता है। यह सरकार के सामने चुनौती है।

–आईएएनएस

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