नई दिल्ली | फैशन डिजाइनर अंजू मोदी को लगता है कि लॉकडाउन 3.0 खत्म होने के बाद हम एक बहुत अलग दुनिया देख सकते हैं। एफडीसीआई द्वारा आयोजित वेबीनार में अंजू मोदी ने कहा, “अभी भी बहुत अनिश्चितता है, मैंने लॉकडाउन की इस अवधि का उपयोग आत्मनिरीक्षण करने के लिए किया है। एक डिजाइनर के रूप में मेरी 100 प्रतिशत धारणा यह है कि हमें पूरे भारत के सुंदर स्वदेशी शिल्प और बुने हुए कपड़ों को बढ़ावा देना चाहिए। जैसे मुकेश, जरदोजी, चिकनकारी, जामदानी, कलमकारी और प्राकृतिक रंगों को। अर्थव्यवस्था को मदद करने का मकसद हमारे कारीगर समुदाय की मदद करने और गांवों को फिर से स्थापित करने का होना चाहिए।”
भारत वह देश है जहां हम त्योहारों और शादियों को पूरे उत्सव के साथ मनाते हैं। लेकिन एक गंभीर अर्थव्यवस्था के साथ, सीमित बजट और मांग में कमी के साथ आगामी त्योहारी सीजन के लिए क्या संभावनाएं हैं?
इसे लेकर डिजाइनर को लगता है कि हमें एक खर्चीली लग्जरी शादी को नई अवधारणा से देखना होगा।
उन्होंने कहा, “नई वास्तविकता यह है कि हम अपने समारोहों और उत्सवों का एक अलग तरीके से मूल्यांकन करेंगे। हम कुछ ऐसा खर्च करना चाहेंगे जो सार्थक होने वाला हो। हम इस पर बहुत ध्यान देंगे। अब मिक्स एंड मैच का काम बहुत होगा। जैसे अगर कोई चाहता है कि एक दुपट्टा एक सुरुचिपूर्ण स्कर्ट या लहंगा या किसी तरह की जैकेट या टॉप के साथ मैच करे तो वह किसी मौके के अनुसार साड़ी या अच्छी ट्राउजर पैंट के साथ भी पहना जा सके।”
उन्होंने आगे कहा, “इसके अलावा रीसाइकलिंग की भी खासी गुंजाइश होगी। जिसका अर्थ है कि चीजों को कई अलग-अलग तरीकों से फिर से उपयोग किया जा सकता है। जैसे साड़ी को लहंगे के साथ मैच करना या क्रॉप टॉप के साथ भी पहनना।”
–आईएएनएस
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