पटना| लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) का आंतरिक विवाद और गहराता जा रहा है। गुरुवार को पटना में हुई पारस गुट की बैठक में पशुपति कुमार पारस को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। अध्यक्ष चुने जाने के बाद पार्टी के सभी नेताओं का आभार जताते हुए कहा कि हमें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का मौका मिला है, कोशिश होगी कि पार्टी को आगे बढाएं और रामविलास पासवान के सपने को पूरा करेंगे।
इससे पहले वे संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष बने थे।
लोजपा में चल रहे विवाद के बीच पशुपति पारस के गुट द्वारा इस चुनाव को लेकर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई, जिसमें सांसद पारस को निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया गया।
पारस ने एक संवाददाता सम्मेलन में अध्यक्ष चुने जाने की जानकारी देते हुए कहा कि पार्टी में कोई विवाद नहीं है, तभी तो वे निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए हैं।
पारस ने लोजपा छोड़ चुके नेताओं को फिर से पार्टी में आने का निवेदन करते हुए कहा कि जो भी नेता किसी कारणवश पार्टी छोड़ चुके हैं, वे वापस आएं। उन्होंने ऐसे नेताओं से पार्टी में हुई गलती के लिए माफी भी मांगी।
उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि अपने बडे भाई और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के सपने को साकार किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि लोजपा में आंतरिक विवाद गहरा गया है। हाल ही में पार्टी के छह सांसदों में पांच सांसदों ने अलग गुट बना लिया है। इधर, लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान ने पांचों सांसदों पशुपति पारस, महबूब अली कैसर, बीणा देवी चंदन सिंह और प्रिंस राज को पार्टी से बाहर निकाल दिया है।
–आईएएनएस
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