✅ Janmat Samachar.com© provides latest news from India and the world. Get latest headlines from Viral,Entertainment, Khaas khabar, Fact Check, Entertainment.

वाणिज्‍य मंत्री सुरेश प्रभु ने लॉजिक्‍स इंडिया के लोगो के साथ-साथ ब्रोशर भी जारी किया

केन्‍द्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने आज नई दिल्‍ली में लॉजिक्‍स इंडिया 2019 के प्रतीक चिन्‍ह (लोगो) के साथ-साथ उसकी विवरण पुस्तिका (ब्रोशर) भी जारी की। इस अवसर पर वाणिज्‍य मंत्री ने कहा कि‍ अब भारत को भी दुनिया की सबसे तेजी से विकास कर रही अर्थव्‍यवस्‍थाओं में शुमार किया जाता है। उन्‍होंने कहा कि भारत इसके साथ ही पूरी दुनिया के देशों के साथ बेहतर लॉजिस्टिक्‍स संपर्क कायम करने में जुटा हुआ है।

श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि लॉजिक्‍स इंडिया कारगर या प्रभावकारी अंतर्राष्‍ट्रीय व्‍यापार लॉजिस्टिक्‍स सुनिश्चित करेगी। इसके साथ ही लॉजिक्‍स इंडिया उन वस्‍तुओं का दक्ष एवं किफायती प्रवाह सुनिश्चित करने में मददगार साबित होगी जिन पर अन्‍य वाणिज्यिक क्षेत्र निर्भर रहते हैं। श्री प्रभु ने न केवल भारत की निर्यात टोकरी (बास्‍केट), बल्कि संबंधित उत्‍पादों एवं देशों में भी विविधता लाने का आह्वान किया। उन्‍होंने कहा कि भारत द्वारा अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, मध्‍य एशिया, मध्‍य-पूर्व एवं आसियान के देशों के साथ और ज्‍यादा मजबूत व्‍यापार संबंध बनाना अत्‍यंत जरूरी है। श्री प्रभु ने यह बात रेखांकित की कि लॉजिस्टिक्‍स को आयात-निर्यात (एक्जिम) व्‍यापार की रीढ़ माना जाता है और इसने कारोबार के अवसरों के साथ-साथ रोजगार भी सृजित किए हैं। लॉजिस्टिक्‍स क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए मंत्रालय एकीकृत लॉजिस्टिक्‍स रणनीति पर काम कर रहा है।

चूंकि विकसित देशों की तुलना में भारत में लॉजिस्टिक्‍स लागत अत्‍यंत ज्‍यादा है, इसलिए इस बात को ध्यान में रखते हुए लॉजिस्टिक्‍स क्षेत्र के एकीकृत विकास की जरूरत पिछले कुछ समय से महसूस की जा रही थी। लॉजिस्टिक्‍स की लागत ज्‍यादा होने के कारण घरेलू और निर्यात दोनों ही बाजारों में भारतीय वस्‍तुओं की प्रतिस्‍पर्धी क्षमता घट जाती है। लॉजिस्टिक्‍स क्षेत्र का आकार मौजूदा 115 अरब अमेरिकी डॉलर से काफी बढ़कर वर्ष 2032 तक 360 अरब अमेरिकी डॉलर के स्‍तर पर पहुंच जाने की संभावना है। भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के बढ़ते भूमंडलीकरण, ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत विनिर्माण पर नए सिरे से विशेष जोर देने और ई-कॉमर्स व्‍यवसाय के विकास को ध्‍यान में रखने पर ऐसा प्रतीत होता है कि भारत के लॉजिस्टिक्‍स क्षेत्र में काफी तेजी से विकास होगा। श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि लॉजिक्‍स इंडिया एक उल्‍लेखनीय आयोजन है और इसका आयोजन हर साल किया जाना चाहिए।

लॉजिक्‍स इंडिया 2019 का आयोजन 31 जनवरी से लेकर 2 फरवरी, 2019 तक नई दिल्‍ली में किया जाएगा। यह मेगा लॉजिस्टिक्‍स बैठक भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) द्वारा आयोजित की जाएगी। इसका आयोजन लॉजिस्टिक्‍स लागत और कम करने के साथ-साथ भारत के वैश्विक व्‍यापार की परिचालन दक्षता बढ़ाने की प्रमुख पहल के रूप में किया जाएगा। 20 से भी अधिक देश अपने-अपने शिष्‍टमंडल इस बैठक के लिए भेजेंगे, ताकि भारत के साथ लॉजिस्टिक्‍स से जुड़ी साझेदारियां करने की संभावनाएं तलाशी जा सकें। फियो उन बाजारों के लिए लॉजिस्टिक्‍स से संबंधित समाधान (सोल्‍यूशन) ढूंढ़ने पर फोकस कर रहा है जहां पहुंचना कठिन माना जाता है। लॉजिक्‍स इंडिया 2019 में 100 से भी अधिक विदेशी प्रतिनिधियों द्वारा भाग लिए जाने की आशा है। फियो इस तीन दिवसीय बैठक के दौरान बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के विकास में निहित निवेश अवसरों, गोदामों (वेयरहाउस) के समेकन, तकनीकों के एकीकरण एवं आईटी की दृष्टि से सक्षम बनाने और श्रम बल को कुशल बनाने पर भी फोकस करेगा।

भारत विश्‍व बैंक के ‘लॉजिस्टिक्‍स प्रदर्शन सूचकांक 2018’ में 44वें पायदान पर है। आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 के अनुसार भारत के लॉजिस्टिक्‍स उद्योग का आकार अगले दो वर्षों में लगभग 160 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 215 अरब अमेरिकी डॉलर के उच्‍च स्‍तर पर पहुंच जाने की संभावना है। लॉजिस्टिक्‍स क्षेत्र 22 मिलियन से भी अधिक लोगों को रोजगार मुहैया कराता है और अगले पांच वर्षों में इस सेक्‍टर के 10.5 प्रतिशत की दर से विकसित होने की आशा है।

वाणिज्‍य विभाग में विशेष सचिव (लॉजिस्टिक्‍स) श्री एन. शिवासैलम, फियो के अध्‍यक्ष श्री गणेश गुप्‍ता और फियो के महानिदेशक एवं मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डॉ. अजय सहाय भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

About Author