नई दिल्ली| संयुक्त विपक्ष ने लोकसभा में बुधवार को लगातार तीसरे दिन भी सदन की कार्यवाही को बाधित करने के लिए कोशिश जारी रखी। दो स्थगन और थोड़े से कामकाज के बाद, सदन को आखिरकार सोमवार को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। तृणमूल, डीएमके, जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, एनसीपी और आरएसपी समेत अन्य विपक्षी दल के सदस्य कांग्रेस के नेतृत्व में सदन में बुधवार को सुबह 11 बजे इकट्ठे हुए और तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ एकजुट होकर नारे लगाने लगे। इसकी वजह से सदन को पहली बार दोपहर 12.30 बजे और दूसरी बार अपराह्न् 2.30 बजे स्थगित कर दिया गया।
इस बीच, सदन प्रश्नकाल में कुछ सवाल उठाने में कामयाब रहा और राष्ट्रीय राजधानी कानून (विशेष प्रावधान) द्वितीय (संशोधन) विधेयक 2021 पारित कर दिया गया।
रक्षा मंत्रालय से संबंधित कागजात, विदेशी मामले, कोयला और खनन, परमाणु ऊर्जा, कार्मिक, सार्वजनिक शिकायत और पेंशन, वाणिज्य और उद्योग से संबंधित मामले पेश किए गए और सूचना, और पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस पर स्थाई समिति की रिपोर्ट को हंगामे के बीच पेश किया गया।
इससे पहले दिन में, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों को निशाने पर लेते हुए कहा, “आप लोगों द्वारा संसद में अपने मुद्दों को उठाने के लिए चुने जाते हैं। आप सदन में हर दिन अनुचित कार्य करते हैं, सदन की कार्यवाही को अनावश्यक रूप से बाधित करते हैं। आपका आचरण सही नहीं है।”
भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने चेयर पर रहते हुए सदन के अंतिम स्थगन की घोषणा की। उन्होंने भाजपा सांसद राम कृपाल यादव को रेलवे से संबंधित विषय पर उनके भाषण को बीच में ही रोक दिया और घोषणा की कि सदन को अगली बैठक 15 मार्च (सोमवार) सुबह 11 बजे होगी।
सदन में इससे पहले सोमवार और मंगलवार को भी विपक्ष ने एलपीजी सिलेंडर और पेट्रोलियम उत्पादों के मूल्य वृद्धि को लेकर हंगामा किया था और इन आवश्यक वस्तुओं की दरों को नियंत्रित करने में असफल होने पर सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
–आईएएनएस
और भी हैं
हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का पेश किया दावा, 28 को लेंगे शपथ
संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से, पेश होंगे कई महत्वपूर्ण विधेयक
आईएफएफआई देश में फिल्म इंडस्ट्री के विकास में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ : अश्विनी वैष्णव