न्यूयॉर्क| कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने विदेशी धरती से एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में विभाजनकारी राजनीति विदेश में भारत की शांति और सौहार्द की छवि बिगाड़ रही है। राहुल ने इंडियन नेशनल ओवरसीज कांग्रेस (आईएनओसी) द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में कई धर्म और विभिन्न भाषाएं हैं और यहां कांग्रेस के विचारों की वजह से लोग खुशी से एक साथ रहते आए हैं।
उन्होंने कहा कि उनके मौजूदा अमेरिका दौरे के दौरान लोग उनसे पूछते हैं,”भारत में वर्षो से मौजूद सहिष्णुता का क्या हुआ? सौहार्द का क्या हुआ? हजारों वर्षो से भारत की शांति और सौहार्द से परिपूर्ण छवि रही है लेकिन अब इसे चुनौती दी जा रही है।”
राहुल ने कहा, “हमारे देश में ऐसी कई ताकते हैं जो देश को बांट रही हैं। यह देश के लिए बहुत खतरनाक है और इससे विदेश में देश की छवि बिगड़ी है। विभाजनकारी राजनीति जारी है और इसका मुकाबला किया जाना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “विश्व में भारत की छवि बहुत महत्वपूर्ण है। विश्व बदल रहा है और लोग भारत की ओर उम्मीदों से देख रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “हिंसक विश्व में कई देश भारत को निहार रहे हैं और कह रहे हैं कि शायद भारत के पास 21वीं सदी का जवाब हो, शायद भारत के पास शांतिपूर्ण सहअस्तित्व का जवाब हो।”
उन्होंने कहा, “हम अपनी सबसे बहुमूल्य संपत्ति को नहीं खो सकते। हमारी सबसे बहुमूल्य संपत्ति यह है कि यहां 1.3 अरब लोग खुशी से अहिंसक तरीके से शांतिपूर्ण रूप से रहते हैं। यह कुछ ऐसा है, जिसकी कांग्रेसियों को हम सभी को रक्षा करने की जरूरत है।”
राहुल गांधी ने कहा कि भारत हम सभी भारतीयों का है।
उन्होंने कहा, “मैं अपने सिख भाइयों को देख सकता है। विभिन्न राज्यों के लोगों को देख सकता हूं। भारत आपमें से किसी एक का नहीं है। भारत इस कक्ष में मौजूद सभी लोगों का है। भारत हम सभी का है और कांग्रेस पार्टी इसी में विश्वास रखती है।”
राहुल ने कहा कि कांग्रेस एक सदी से भी पुराना संगठन है लेकिन एक विचारधारा के रूप में कांग्रेस हजारों वर्षो से भी पुरानी है।
उन्होंने कहा, “हम एक संगठन का प्रतिनिधित्व नहीं करते। हम एक सिद्धांत का प्रतिनिधित्व करते हैं,जो हजारों वर्ष पुराना है।”
उन्होंने कहा कि भारत में बदलाव लाने वाले स्वतंत्रता सेनानी और लोग सच्चाई के लिए खड़े हैं।
राहुल ने कहा, “इससे फर्क नहीं पड़ता कि उनके खिलाफ क्या है। जब वे किसी चीज में विश्वास करते हैं और आश्वस्त होते हैं कि यह सच है तो वे इसके लिए खड़े जाते हैं और इसकी कीमत भी चुकाते हैं। यही कांग्रेस की धारणा है।”
राहुल ने प्रवासी भारतीयों को भारत की रीढ़ की हड्डी बताते हुए कहा कि वह पार्टी के विजन पर चर्चा के लिए प्रवासियों को पार्टी के कामकाज से जोड़ने के इच्छुक हैं।
उन्होंने भारत के समक्ष चुनौतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि 30,000 युवा प्रतिदिन रोजगार बाजार में प्रवेश कर रहे हैं लेकिन सिर्फ 450 को ही रोजगार मिलता है।
उन्होंने कहा, “हमारे देश के समक्ष यह सबसे बड़ी चुनौती है और इसे एकीकृत दृष्टिकोण से सुलझाया जा सकता है। भारत यदि युवाओं को रोजगार देने में असमर्थ है तो वह उन्हें कोई विजन नहीं दे सकता।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व में सरकार सिर्फ 50 से 60 बड़ी कंपनियों पर ध्यान केंद्रित किए हुए है और छोटे एवं मझोले उद्यमों को सशक्त किए जाने की जरूरत है ताकि वह रोजगारों का सृजन कर सके।
राहुल ने कहा कि उन्होंने अपनी दो सप्ताह की अमेरिका यात्रा के दौरान डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टियों के कई नेताओं से मुलाकात की। उन्होंने मुझसे देश की मौजूदा स्थिति के बारे में पूछा।
उन्होंने कहा, “उन्होंने मुझसे पूछा कि आपके देश में क्या हो रहा है। हमारा विश्वास रहा है कि आपका देश मिल-जुलकर काम करता है। हमारा विश्वास रहा है कि आपका देश शांतिपूर्ण है। आपके देश में क्या हो रहा है।”
इस कार्यक्रम स्थल से बाहर सिखों के एक छोटे समूह ने 1984 सिख दंगों में कांग्रेस की भूमिका को लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया।
–आईएएनएस
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