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सुप्रीम कोर्ट

व्हाट्सएप कॉल पर सुनवाई वर्चुअल कोर्ट में मुश्किल : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ ने व्हाट्सएप कॉल पर एक मामले की सुनवाई करते हुए सोमवार को टिप्पणी की कि वर्चुअल (अप्रत्यक्ष या आभासी) अदालत के माध्यम से मामलों पर सुनवाई मुश्किल है। शीर्ष अदालत कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू राष्ट्रव्यापी बंद के बाद से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई कर रही है।

न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति आर. भानुमती की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक व्हाट्सएप कॉल पर एक मामले की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। न्यायमूर्ति मल्होत्रा ने सुझाव दिया कि 20 के बजाय 40 मामलों को आसानी से पीठ द्वारा सुना जा सकता है।

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि प्रत्येक वकील इस मामले पर बहस कर के अदालत कक्ष से जा सकते हैं।

न्यायमूर्ति मल्होत्रा ने कहा, वर्चुअल कोर्टरूम मुश्किल है।

शीर्ष पांच वरिष्ठ न्यायाधीशों में से एक और कॉलेजियम में शामिल न्यायमूर्ति भानुमती ने कहा, मैं प्रधान न्यायाधीश से बात करूंगी।

पिछले हफ्ते भारत के प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे ने कहा था कि कोरोनावायरस महामारी ने शीर्ष अदालत के कामकाज पर पुनर्विचार करने को मजबूर किया है, जहां वर्चुअल अदालत का मार्ग अपनाना पड़ रहा है।

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट ई-फाइलिंग मॉड्यूल के एक ऑनलाइन डेमो के उद्घाटन पर कहा, हमने अदालत परिसर में भीड़ को कम करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग अपनाई। हमें समय की जरूरतों के हिसाब से बदलना होगा। हमें वर्तमान स्थिति को स्वीकार करना होगा। मानसिकता में बदलाव की जरूरत है। अब पीछे नहीं हटना है।

प्रधान न्यायाधीश बोबडे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस खतरे (कोविड-19) का जवाब देने वाला पहला संस्थान है।

–आईएएनएस

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