नई दिल्ली | कोरोनावायरस के खिलाफ पूरा देश इस वक्त लड़ाई लड़ रहा है, वहीं गुरुवार(नौ अप्रेल) को पूरे देश में शब-ए-बारात मनाया जाएगा, लेकिन केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी समेत मुस्लिम धर्म गुरुओं और संगठनों ने इस दौरान घर पर ही रहकर इबादत करने की अपील की है। मुस्लिम मजहब के लोग शब-ए-बारात को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं इसकी पूरी तैयारियां भी की जाती है। घरों में पकवान से लेकर मस्जिदों और संस्थानों में सजावट के लिए लाइट्स भी लगाई जाती है, लेकिन इस साल कोरोना संकट की वजह से माहौल अलग है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, “अधिकांश धर्म गुरूओं, धार्मिक-सामाजिक संगठनों ने शब-ए-बारात के दिन पूरी तरह से लॉकडाउन का ईमानदारी से पालन करने की अपील की है। सेन्ट्रल वक्फ काउंसिल के जरिए सभी राज्यों के वक्फ बोडरे को भी निर्देश दिया गया है कि सभी राज्यों के वक्फ बोर्ड लॉकडाउन, सोशल डिस्टेंन्सिंग के दिशा-निदेशरें का पालन कराने में प्रशासन की मदद करें और लोगों से शब-ए-बारात के दिन घरों में ही इबादत के लिए अपील करें।”
नकवी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील पर लॉकडाउन एवं सोशल डिस्टेंन्सिंग का देश गम्भीरता से पालन कर रहा है। हमारी किसी भी तरह की लापरवाही हमारे परिवार, पूरे समाज और राष्ट्र के लिए परेशानी बढ़ा सकती है।”
जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी ने आईएएनएस को बताया, “शब-ए- बरात का मकसद है कि लोग इबादत करें, कहीं ये हुक्म नहीं है मस्जिद में जाकर या फिर सड़को पर निकल कर इबादत करें। इस मुबारक रात में आप अपने घरों में ही शब्बेदारी कीजिए और दुआएं मांगे। ज्यादा से ज्यादा लोग एहतियात बरतें। जामा मस्जिद में हजारों लोग शब-ए-बारात के दिन मस्जिद में होते हैं, बाहर भी काफी लोग होते हैं और नारेबाजी भी करते हैं, लेकिन इस वक्त इन सभी चीजों से परहेज करने की जरूरत है। कोरोनावायरस में हम सबको संभलकर रहने की जरूरत है, क्योंकि यह पूरे देश में फैला हुआ है।”
वहीं सोमवार को जमीयत उलेमा हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने भी शब- -ए-बारात के अवसर पर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की अपील की थी।
–आईएएनएस
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