ओम कुमार ,नई दिल्ली। आज से नवरात्र शुरु हो रहे,नवरात्रों में भक्तों की भीड़ मंदिरों में अधिक बड़ जाती है भक्त लोग नवरात्र में पूजा पाठ करते हैं साथ में व्रत भी रखते है नवरात्रों के मह्त्व को जानने के लिए मैंने “श्री वैष्णो दरबार नीलम माता मंदिर” के मुख्य पुजारी “आचार्य नागेंद्र तिवारी” जी से बातचीत की आचार्य जी ने बताया की शक्ति की पूजा प्रकृति स्वरुप माँ भगवती की पूजा है ,यह नौ रूपों में नौ दिन का अनुष्ठान है मनुष्य अपने अंदर के दुर्गुणो को और दुष्ट विचारों का मर्दन कर अच्छे विचारों की कामना करता है ।
नवरात्रों में होती है माँ दुर्गा के इन नौ स्वरूपों की पूजा,
1-शैलपुत्री (पर्वत की बेटी), 2-भ्रमाचारिणी (माँ दुर्गा का शांति पूर्ण रूप), 3-चंद्रघंटा (माँ का गुस्से का रूप),4-कुष्मांडा (माँ का ख़ुशी भरा रूप), 5-स्कंदमाता (माँ के आशीर्वाद का रूप), 6-कात्यायनी (माँ दुर्गा की बेटी जैसी), 7-कालरात्रि (माँ का भयंकर रूप), 8-महागौरी (माँ पार्वती का रूप और पवित्रता का स्वरुप), 9-सिद्धिदात्री (माँ का ज्ञानी रूप)।
ये नवरात्रे भगवान राम जी की लीला से जुड़े है,राम जी नें रावण को मारने के लिए इन नौ देवियों की उपासना की माँ भगवती नें भगवान राम को दर्शन दिये और राम जी नें रावण पर विजय प्राप्त की ,मनुष्य इन दिनों शाक्ति की आराधना करता है उसे ‘धन’ ,’बल’ ,’यश’ और ‘अंत’ में ‘मोक्ष’ की प्राप्ति होती है ।
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