नई दिल्ली, 27 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ के 121वें एपिसोड में भारत की वैश्विक मित्रता और मानवता के प्रति समर्पण को रेखांकित किया। म्यांमार में आए भूकंप के बाद ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत भारत की त्वरित सहायता, इथियोपिया में प्रवासी भारतीयों द्वारा बच्चों के इलाज की पहल, और अफगानिस्तान व नेपाल को वैक्सीन व दवाइयों की आपूर्ति जैसे प्रयासों का जिक्र करते हुए पीएम ने ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना को जीवंत किया। इसके साथ ही, आपदा प्रबंधन में ‘सचेत ऐप’ की उपयोगिता पर जोर देकर उन्होंने तकनीक और सतर्कता के महत्व को भी उजागर किया।
पीएम मोदी ने कहा, “पिछले महीने म्यांमार में आए भूकंप की खौफनाक तस्वीरें आपने जरूर देखी होंगी। भूकंप से वहां बहुत बड़ी तबाही हुई, मलबे में फंसे लोगों के लिए एक-एक सांस, एक-एक पल कीमती था। इसलिए भारत ने म्यांमार के हमारे भाई-बहनों के लिए तुरंत ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ शुरू किया। वायु सेना के विमान से लेकर नौसेना के जहाज म्यांमार तक की मदद के लिए रवाना हो गए। वहां भारतीय टीम ने एक फील्ड हॉस्पिटल तैयार किया है। इंजीनियरों की एक टीम ने अहम बिल्डिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर को हुए नुकसान का आकलन करने में मदद की। भारतीय टीम ने वहां कंबल, टेंट, स्लीपिंग बैग, दवाइयां, खाने-पीने के सामान के साथ ही और भी बहुत सारी चीजों की सप्लाई की। इस दौरान भारतीय टीम को वहां के लोगों से बहुत सारी तारीफ भी मिली।”
पीएम मोदी ने कहा कि इस संकट में, साहस, धैर्य और सूझ-बूझ के कई दिल छू जाने वाले उदाहरण सामने आए। भारत की टीम ने 70 वर्ष से ज्यादा उम्र की एक बुजुर्ग महिला को बचाया जो मलबे में 18 घंटों से दबी हुई थी। भारत से गई टीम ने उनके ऑक्सीजन लेवल को स्थिर करने से लेकर फ्रैक्चर के इलाज तक, उपचार की हर सुविधा उपलब्ध कराई। जब इस बुजुर्ग महिला को अस्पताल से छुट्टी मिली तो उन्होंने हमारी टीम का बहुत आभार जताया। उन्होंने कहा कि भारतीय बचाव दल की वजह से उन्हें नया जीवन मिला है। बहुत से लोगों ने हमारी टीम को बताया कि उनकी वजह से वे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को ढूंढ पाए। भूकंप के बाद म्यांमार में मांडले की एक मोनेस्ट्री में भी कई लोगों के फंसे होने की आशंका थी। हमारे साथियों ने यहां भी राहत और बचाव अभियान चलाया, इसकी वजह से उन्हें बौद्ध भिक्षुओं का ढेर सारा आशीर्वाद मिला।
पीएम मोदी ने कहा कि हमें ऑपरेशन ब्रह्मा में हिस्सा लेने वाले सभी लोगों पर बहुत गर्व है। हमारी परंपरा है, हमारे संस्कार हैं ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना – पूरी दुनिया एक परिवार है। संकट के समय विश्व-मित्र के रूप में भारत की तत्परता और मानवता के लिए भारत की प्रतिबद्धता हमारी पहचान बन रही है।
पीएम मोदी ने अफ्रीका के इथियोपिया में प्रवासी भारतीयों के एक अभिनव प्रयास के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, “इथियोपिया में रहने वाले भारतीयों ने ऐसे बच्चों को इलाज के लिए भारत भेजने की पहल की है जो जन्म से ही हृदय की बीमारी से पीड़ित हैं। ऐसे बहुत से बच्चों की भारतीय परिवारों द्वारा आर्थिक मदद भी की जा रही है। अगर किसी बच्चे का परिवार पैसे की वजह से भारत आने में असमर्थ है, तो इसका भी इंतजाम, हमारे भारतीय भाई-बहन कर रहे हैं। कोशिश ये है कि गंभीर बीमारी से जूझ रहे इथियोपिया के हर जरूरतमंद बच्चे को बेहतर इलाज मिले। प्रवासी भारतीयों के इस नेक कार्य को इथियोपिया में भरपूर सराहना मिल रही है। आप जानते हैं कि भारत में मेडिकल सुविधाएं लगातार बेहतर हो रही हैं। इसका लाभ दूसरे देश के नागरिक भी उठा रहे हैं।”
पीएम मोदी ने बताया कि कुछ ही दिन पहले भारत ने अफगानिस्तान के लोगों के लिए बड़ी मात्रा में वैक्सीन भी भेजी है। ये टीका, रेबीज, टेटनस, हेपेटाइटिस बी और इन्फ्लूएंजा जैसी खतरनाक बीमारियों से बचाव में काम आएगा। भारत ने इसी हफ्ते नेपाल के आग्रह पर वहां दवाइयां और टीकों की बड़ी खेप भेजी है। इनसे थैलेसीमिया और सिकल सेल रोग के मरीजों का बेहतर इलाज सुनिश्चित होगा। जब भी मानवता की सेवा की बात आती है, तो भारत हमेशा इसमें आगे रहता है और भविष्य में भी ऐसी हर जरूरत में हमेशा आगे रहेगा।”
पीएम मोदी ने आपदा प्रबंधन पर भी बात और और सचेत ऐप के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा, “किसी भी प्राकृतिक आपदा से निपटने में बहुत अहम होती है – आपकी सतर्कता, आपका सचेत रहना। इस सतर्कता में अब आपको अपने मोबाइल के एक स्पेशल ऐप से मदद मिल सकती है। ये ऐप आपको किसी प्राकृतिक आपदा में फंसने से बचा सकते हैं और इसका नाम भी है ‘सचेत’। ‘सचेत ऐप’, भारत के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने तैयार किया है। बाढ़, चक्रवात, भूस्खलन, सुनामी, जंगलों की आग, हिमस्खलन, आंधी, तूफान या फिर बिजली गिरने जैसी आपदाएं हो, ‘सचेत ऐप’ आपको हर प्रकार से सूचित और सुरक्षित रखने का प्रयास करता है। इस ऐप के माध्यम से आप मौसम विभाग से जुड़े अपडेट प्राप्त कर सकते हैं। खास बात ये है कि ‘सचेत ऐप’ क्षेत्रीय भाषाओं में भी कई सारी जानकारियां उपलब्ध कराता है।”
–आईएएनएस
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