कैबिनेट मंत्रियों के साथ कल बैठक में किसान नेताओं द्वारा एक-एक कर के कृषि कानूनों की सभी खामियों को सामने रखा जाएगा।
5 दिसंबर को देशभर के सभी गाँवों में पीएम मोदी, मुकेश अम्बानी, गौतम अडानी के पुतले दहन किये जायेंगे।
7 दिसंबर को किसान आंदोलन के समर्थन में खिलाड़ी एवम रिटायर्ड सैनिक केंद्र सरकार को अपने सभी अवार्ड एवम स्मृतिचिन्ह वापस करेंगे।
किसान आंदोलन को देश के सभी वर्गों एवं सामाजिक संगठनों का समर्थन प्राप्त हो रहा है एवम दिनों-दिन धरने स्थल पर किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सरकार यह दुष्प्रचार न करे कि यह आंदोलन सिर्फ कुछ राज्यों एवम वर्गों तक सीमित है।
यदि सरकार के साथ कल की बातचीत में कोई नतीजा नहीं निकलता है तो उसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बैठक कर के कड़े कदम उठाएंगे और आंदोलन को तेज करेंगे।
आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ दर्शन पाल (पंजाब), शिव कुमार कक्काजी (मध्यप्रदेश), जगजीत सिंह दल्लेवाल (पंजाब), गुरनाम सिंह चढूनी (हरियाणा), मेधा पाटेकर (मध्यप्रदेश), रणजीत राजू (राजस्थान), योगेंद्र यादव (हरियाणा), प्रतिभा शिंदे (महाराष्ट्र), अक्षय कुमार (उड़ीसा), के. वी. बीजू (केरल), संदीप गिड्डे (महाराष्ट्र), हरपाल चौधरी (उत्तरप्रदेश), कविता कुरुगंते (कर्नाटक) आदि ने मीडिया को सम्बोधित किया।
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