नई दिल्ली| तीन कृषि संबंधी विधेयकों और अन्य प्रस्तावित कानूनों के पारित होने के मद्देनजर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने बुधवार को यहां संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन जारी रखा। प्रदर्शनकारी सांसदों ने परिसर के भीतर तख्तियां थामे हुए गांधी प्रतिमा से डॉ. बीआर अंबेडकर की प्रतिमा तक मार्च किया।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया, “कांग्रेस के और सभी समान विचारधारा वाले दलों के सांसद किसान विरोधी और मजदूर विरोधी विधेयकों के विरोध में संसद में गांधी प्रतिमा से अंबेडकर प्रतिमा तक मार्च निकाल रहे हैं, जिन्हें मोदी सरकार द्वारा सबसे अलोकतांत्रिक तरीके से पारित कराया गया।”
इससे पहले, विपक्षी नेताओं ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के चैंबर में उनसे मुलाकात की और कृषि विधेयकों पर अपना विरोध जारी रखने का फैसला किया।
रविवार को उच्च सदन में हंगामे के बीच दो कृषि विधेयकों को पारित किए जाने के बाद से विपक्ष और सरकार संसद में आमने-सामने हैं। तीसरा विवादास्पद विधेयक ‘आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020’ मंगलवार को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया।
रविवार को कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे कुछ सांसदों ने सदन की मर्यादा को ताक पर रख दिया था। तृणमूल सांसद डेरेक’ओ ब्रायन ने आसन के पास पहुंचकर नियम पुस्तिका का हवाला देते हुए माइक छीनने की कोशिश की थी।
यहां तक कि उन्होंने नियम पुस्तिका को फाड़ दिया और बिल को ‘काला कानून’ तक कहा।
जब सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो सभापति एम. वेंकैया नायडू ने आठ सांसदों–तृणमूल के डेरेक ओ’ब्रायन और डोला सेन, कांग्रेस के राजीव सातव, रिपुन बोरा, और सैयद नसीर हुसैन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और माकपा के केके रागेश और ई.करीम को निलंबित कर दिया।
–आईएएनएस
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