नई दिल्ली: देश में सड़क परिवहन को पहले से ज्यादा आसान और सुविधाजनक बनाने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नई पहल करने में जुटा है। हालिया वर्षों में कुल 15 बड़े कदम उठाए गए हैं। मंत्रालय के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि अभी आगे भी कुछ नए कदम उठाए जा सकते हैं। पिछले तीन वर्षों के बीच नई पहल के कारण सड़क परिवहन पहले से कहीं ज्यादा सुगम हुआ है। सेफ्टी भी सुनिश्चित हुई है। लीक से हटकर चलाई गई सभी योजनाओं के पीछे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की भूमिका बताई जाती है। नितिन गडकरी के मंत्रालय ने पिछले तीन वर्षों के बीच अब तक कई इनोवेशन किए।
निर्माण उपकरण वाहन और ट्रैक्टर के लिए उत्सर्जन मानक-
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने निर्माण उपकरण वाहन और ट्रैक्टर के लिए उत्सर्जन मानक अधिसूचित किये हैं। इन मानकों को 1 अक्टूबर, 2020 से लागू किया जाएगा इससे पर्यावरण को फायदा पहुंचेगा।
इलेक्ट्रिक वाहनों को परमिट से छूट-
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की कोशिशों में लगातार मंत्रालय जुटा है। इस दिशा में मंत्रालय ने सबसे पहले अक्टूबर 2018 में खास पहल की थी, जब बैटरी से चलने वाले वाहनों को सवारियों और सामानों को ढोने के लिए जरूरी परमिट से छूट देने का फैसला हुआ।
डीएल के फर्जीवाड़े पर रोक-
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने लाइसेंसिंग की व्यवस्था को और आसान करने की पहल की। सब कुछ ऑनलाइन कर दिया गया। पहले लनिर्ंग, ड्राइविंग लाइसेंस, नवीनीकरण और अड्रेस अपडेशन के लिए चार अलग फॉर्म भरने पड़ते थे, उनकी जगह पर एक फॉर्म की व्यवस्था 2017 से अमल में आई। फर्जी ड्राइविंग सिस्टम पर रोक लगाने के लिए आधार कार्ड वेरीफिकेशन होना शुरू हुआ।
वाहनों की भार क्षमता में वृद्धि-
देश में 1983 के बाद पहली बार नितिन गडकरी के राज में परिवहन मंत्रालय ने बड़े कमर्शियल वाहनों की भार क्षमता में 15 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर दी। ताकि ट्रांसपोर्टर्स को तेल की बढ़ती कीमतों के चलते हो रहे नुकसान से भी राहत मिलने के साथ ओवरलोडिंग के नाम पर होने वाली अवैध वसूली पर भी लगाम लग सके।
टोल प्लाजा की रैंकिंग सिस्टम-
एनएचएआई ने टोल प्लाजा रैकिंग की शुरूआत की है। 2018 से देश भर के तीन सौ टोल प्लाजा पर आने वाली दिक्कतों का समाधान ढूंढने पर भी जोर दिया जाना शुरू हुआ। फास्टैग लेन के क्लीयरसेंस, डिस्प्ले पैनल, स्टाफ के व्यवहार, साफ-सफाई को टोल प्लाजा की रैंकिंग निर्धारित करने का पैरामीटर बनाया गया। एनएचएआई ने फास्टैग के जरिए इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम को भी लागू किया है जिससे नेशनल हाईवेज पर टोल प्लाजा में भीड़ न लगे।
वाहनों की अधिकतम गति-
पिछले तीन वर्षों में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक और अहम पहल किया। यह पहल, वाहनों की अधिकतम स्पीड में संशोधन की थी। आठ सीट वाली गाड़ियों के लिए 120 किमी प्रति घंटे एक्सप्रेसवे पर और अन्य सड़कों पर 70 किमी स्पीड तय की गई।
डिजी लॉकर सुविधा-
मंत्रालय ने डिजिलॉकर के जरिए वाहनों के कागजात के इलेक्ट्रानिक रूप को मंजूरी दी। यह डिजी लाकर मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रानिक्स एंड आईटी की ओर से तैयार हुए हैं। मंत्रालय ने वाहनों के बीमा के नवीनीकरण में पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल(पीएसयू) सर्टिफिकेट को अनिवार्य करने की पहल की।
लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस-
महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस और इमरजेंसी बटन सभी सार्वजनिक वाहनों में लगाने की व्यवस्था भी मंत्रालय ने की। सार्वजनिक वाहनों में जांच के समय पुलिस को इन सुविधाओं की पड़ताल करने के सख्त निर्देश हैं।
–आईएएनएस
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