दिल्ली| कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को कांग्रेस कार्यकारी समिति(सीडब्ल्यूसी) की बैठक में कहा कि देश बंदी की वजह से काफी मुश्किलों का सामना कर रहा है और सरकार ने कांग्रेस द्वारा दिए गए सुझावों को केवल आंशिक रूप से लागू किया। सरकार को पता है कि टेस्टिंग, ट्रेस और क्वारंटाइन का कोई विकल्प नहीं है, लेकिन टेस्टिंग की गति धीमी हैं।
सोनिया ने कहा, “समाज के कुछ धड़े जैसे किसान, खेत-मजदूर, प्रवासी मजदूर, निर्माण कार्यो में लगे मजदूर, असंगठित क्षेत्र के लोग काफी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। व्यापार, वाणिज्य और उद्योग आभाषी रूप से ठप हैं और करोड़ों की जीविका बर्बाद हो गई है।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सुझाव दिए थे, लेकिन इसे आंशिक रूप से लागू किया गया।
उन्होंने कहा, “मैंने हमारी तरफ से उन्हें रचनात्मक सहयोग और सुझाव दिए थे, लेकिन दुर्भाग्य से, सरकार ने इस पर केवल आंशिक रूप से काम किया और बुरी तरह से।”
सोनिया ने कहा, “लॉकडाउन के पहले चरण में 12 करोड़ नौकरियां समाप्त हो गई। आर्थिक गतिविधि थम गई है, इसलिए बेरोजगारी बढ़ने की संभावना है। इस संकट से उबरने के लिए प्रत्येक परिवार को कम से कम 7500 रुपये दिए जाने चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा, “हमने प्रधानमंत्री से लगातार आग्रह किया है कि टेस्टिंग, ट्रेस और क्वारेंटीन का कोई विकल्प नहीं है। दुर्भाग्य से टेस्टिंग की गति अभी भी धीमी है और टेस्टिंग किट की आपूर्ति कम है और यह खराब गुणवत्ता की है। पीपीई किट और उसकी गुणवत्ता खराब है।”
–आईएएनएस
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