गाजीपुर बॉर्डर (दिल्ली/उप्र): कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 22 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का समर्थन किया है और कहा है कि सरकार दो कदम पीछे हटे तो हम भी दो कदम पीछे हटें। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने आईएएनएस से कहा कि, सरकार दो कदम पीछे हटे, तो किसान भी दो कदम पीछे हट जाएंगे। साथ ही किसान आंदोलन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया कि, हमें यह देखना होगा कि किसान अपना प्रदर्शन भी करे और लोगों के अधिकारों का उलंघन भी न हो।
नरेश टिकैत ने आईएएनएस से बात की और कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट की हर बात का सम्मान करते हैं। जो भी कमेटी बने उसमें समझदार लोगों को शामिल किया जाए। हम बातचीत करने को तैयार हैं। कृषि कानून पर फैसला हो और हम किसान भाई भी अपने अपने घर चले जाएं।
बता दें कि किसान आंदोलन के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान कहा कि विरोध करना किसानों का मौलिक अधिकार है और सरकार इन कानूनों को होल्ड क्यों नहीं कर लेती।
गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे नरेश टिकैत ने कहा, सरकार को कानून पर ध्यान देना चाहिए, अभी खाप पंचायत की बैठक होगी इसमें भी हम बातचीत करेंगे। सरकार दो कदम पीछे हटे, किसान भी दो कदम पीछे हट जाएंगे। हमारी सरकार से कोई लड़ाई नहीं है। हम तो बस उनकी नीतियों का विरोध कर रहे हैं।
हम जनता का नुकसान नहीं कर रहे हैं, किसानों को बदनाम नहीं करना चाहिए। किसानों का सम्मान हो और कानून वापस लिया जाना चाहिए। सरकार अपनी जिद छोड़े और कानून पर जल्द फैसला ले।
मैं गांव से अभी आया हूं , हम बात करेंगे वहीं किसानों के सभी संघठन जो फैसला करेंगे, हम उनके साथ हैं। सरकार को अपने आने वाले दिनों के बारे में सोचना चाहिए। सरकार को क्या फायदा होगा किसान को परेशान करके।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि, हम तो बातचीत करने के लिए तैयार हैं लेकिन सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है। दिल्ली वासियों के लिए हमने कुछ नहीं रोका। फल, सब्जी, दूध सबकुछ दिल्ली वासियों को मुहैया किया जा रहा है।
— आईएएनएस
और भी हैं
हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का पेश किया दावा, 28 को लेंगे शपथ
संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से, पेश होंगे कई महत्वपूर्ण विधेयक
आईएफएफआई देश में फिल्म इंडस्ट्री के विकास में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ : अश्विनी वैष्णव