इंद्र वशिष्ठ
मास्क और दो गज दूरी का पालन न करने वालों
के चालान काट रहे सिविल डिफेंस के वालंटियर के पास अभियोजन का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। दिल्ली पुलिस ने लोगों को सतर्क करने के लिए आज सुबह यह जानकारी ट्विटर पर दी है।
चालान का अधिकार नहीं-
पुलिस के अनुसार उसे ज्ञात हुआ है कि दिल्ली सिविल डिफेंस वालंटियर्स कोविड नियमों की अवहेलना के चालान कर रहे हैं। इनके पास अभियोजन का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। अक्सर इन्हें दिल्ली पुलिस कर्मी समझ लिया जाता है और इनके कुछ कुकृत्य दिल्ली पुलिस के समझ लिए जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इन वालंटियर्स को पुलिस से मिलती जुलती वर्दी मिलती है। ऐसे मामलों का संज्ञान लेते हुए कुछ एफआईआर की जा चुकी है और अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई है।
दिल्ली की जनता से अपील है कि ऐसे किसी भी चालान को स्वीकार करने से पहले चालान कर्ता की सही पहचान अवश्य कर लें।
पुलिस अफसरों के ज्ञान चक्षु अब खुले–
दिल्ली पुलिस द्वारा आज यह जानकारी देने से पुलिस की भूमिका पर ही सवालिया निशान लग गया है। सबसे बड़ा सवाल यह कि सिविल डिफेंस के वालंटियर्स को चालान काटने / अभियोजन का कानूनी अधिकार नहीं है यह जानकारी पुलिस ने लोगों को सतर्क करने के लिए पहले क्यों नहीं दी?
सिविल डिफेंस के वालंटियर्स को गैरकानूनी तरीके से चालान काटने से पुलिस ने अब तक ने रोका क्यों नहीं। शुरुआत में ही उनके खिलाफ आपराधिक मामले क्यों नहीं दर्ज किए।
अफसर अनाड़ी/नाकाबिल ? –
क्या पुलिस अफसर इतने अनाडी/ नादान/नाकाबिल हैं कि अब जाकर उनके ज्ञान चक्षु खुले कि सिविल डिफेंस वालंटियर्स को चालान काटने का कानूनी अधिकार नहीं है।
सरकार, एसडीएम को भी क्या कानून की जानकारी नहीं ? –
दिल्ली सरकार ने सिविल डिफेंस के वालंटियर्स को चालान काटने के कार्य में लगाने की सार्वजनिक घोषणा की थी। वालंटियर्स अकेले और एसडीएम के साथ टीम के रुप में भी वालंटियर्स चालान काटते हैंं।
क्या एसडीएम को भी यह नहीं मालूम कि सिविल डिफेंस को चालान काटने का कानूनी अधिकार नहीं है।
दिल्ली पुलिस ने आज जो कहा है उससे तो यहीं लगता है दिल्ली सरकार और एसडीएम को भी कानून की जानकारी नहीं है।
क्या दिल्ली पुलिस को शुरुआत में ही यह नहीं बताना चाहिए था कि सिविल डिफेंस वालंटियर्स को चालान काटने का कानूनी अधिकार नहीं है।
पुलिस से मारपीट-
सिविल डिफेंस वालंटियर्स द्वारा चालान काटने को लेकर आम आदमी ही नहीं पुलिस कर्मी के साथ भी मारपीट किए जाने के मामले सामने आए हैं।
नारायण थाना इलाके में पिछले साल अक्टूबर में मास्क ठीक से न लगाने पर कनाट प्लेस थाने के हवलदार नरेश के साथ मारपीट करने का मामला सामने आया था। पुलिस ने वालंटियर्स के खिलाफ उस समय सिर्फ मारपीट का मामला दर्ज किया था। चालान काटने का अधिकार अगर नहीं है तो पुलिस ने उस समय वालंटियर्स के खिलाफ इस सिलसिले में मामला क्यों नहीं दर्ज किया।
पुलिस की नाक के नीचे चालान-
दिल्ली के चौराहों पर भी झुंड के रुप में मौजूद वालंटियर्स जमकर लोगों के चालान करते हैंं। चौराहे पर ही ट्रैफिक पुलिस के जवान भी होते है। क्या इन पुलिस वालों को नहीं पता कि उनकी नाक के नीचे लोगों के चालान काट रहे वालंटियर्स को चालान काटने का कानूनी अधिकार नहीं है।
फर्जी चालान-
सिविल डिफेंस के तीन वालंटियर को नई दिल्ली जिला पुलिस ने फर्जी चालान काटने के आरोप में पिछले महीने गिरफ्तार किया था।
कमिश्नर के लिए मास्क नहीं जरूरी?-
दूसरी ओर जमकर साढे पांच लाख से ज्यादा लोगों के चालान करने वाली दिल्ली पुलिस के मुखिया कमिश्नर सच्चिदानंद श्रीवास्तव द्वारा नियमों की धज्जियां उड़ाने का सिलसिला जारी है। कोरोना का टीका लगवाते समय भी फोटो खिंचवाने/ प्रचार के चक्कर में उन्होंने मास्क ही नहीं पहना।
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