नई दिल्ली(आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के क्रियान्वयन के खिलाफ कोई भी आदेश पारित करने से फिलहाल इंकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार को चार सप्ताह का समय दिया है।
प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने अगली सुनवाई पर इस मुद्दे के लिए संविधान पीठ का गठन करने के भी संकेत दिए।
सीएए के खिलाफ इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट से सीएए प्रक्रिया पर कुछ महीनों के लिए रोक लगाने की मांग की।
महाधिवक्ता के.के. वेणुगोपाल ने हालांकि इसका विरोध करते हुए तर्क दिया कि यह स्थगन के समान है।
वेणुगोपाल ने कहा, “यह कानून के क्रियान्वयन पर स्थगन देने समान ही है।”
इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “हम आज ऐसा कोई आदेश जारी नहीं करेंगे।”
और भी हैं
महाकुंभ में नए स्वरूप में दिखेंगे गंगा और यमुना के प्राचीन घाट , सात घाटों को मिली नई पहचान
बोडो समुदाय की प्रगति और समृद्धि हमारी प्राथमिकता, शांति समझौते के सकारात्मक परिणाम : पीएम मोदी
दिल्ली कैबिनेट ने बस मार्शलों की तत्काल बहाली के लिए एलजी से की सिफारिश